Video: दुर्लभ काले तेंदुए को देखने देश भर से पेंच राष्ट्रीय उद्यान पहुंच रहे सैलानी

सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी में पेंच बाघ अभयारण्य में दो साल बाद एक दुर्लभ काला तेंदुआ (ब्लैक पैंथर) देखा गया है। एक वन अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि दुर्लभ काला-तेंदुआ वन्यजीव प्रेमियों को आकर्षित करता है। यह प्रजाति लेखक रुडयार्ड किपलिंग की कृति ‘द जंगल बुक’ के माध्यम से प्रसिद्ध हुई। ‘द जंगल …
सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी में पेंच बाघ अभयारण्य में दो साल बाद एक दुर्लभ काला तेंदुआ (ब्लैक पैंथर) देखा गया है। एक वन अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि दुर्लभ काला-तेंदुआ वन्यजीव प्रेमियों को आकर्षित करता है। यह प्रजाति लेखक रुडयार्ड किपलिंग की कृति ‘द जंगल बुक’ के माध्यम से प्रसिद्ध हुई। ‘द जंगल बुक’ में ‘मोगली’ नामक मुख्य किरदार के साथ ‘बघीरा’ नामक एक काला तेंदुआ भी था।
खवासा वन परिक्षेत्र अधिकारी राहुल उपाध्याय ने बृहस्पतिवार को बताया कि तेलिया जंगल में मादा तेंदुए के साथ नौ माह का शावक बीते कुछ दिनों से पर्यटकों को पेड़, पहाड़ अन्य क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है। इससे पहले जुलाई 2020 में एक अन्य काला तेंदुआ दिखाई दिया था। उन्होंने बताया कि अब यह तेंदुआ दो साल से अधिक उम्र का हो चुका है जो मां से अलग होकर खवासा से लगे पेंच महाराष्ट्र क्षेत्र के जंगल में दिखाई दे रहा है। दोनों काले तेंदुए को एक ही मां ने जन्म दिया है।
उन्होंने कहा कि मादा तेंदुए ने पहली बार में दो शावकों को जन्म दिया था। इसमें एक सामान्य व दूसरा दुर्लभ काले रंग का है। वहीं दूसरी बार जन्मे तीन शावकों में दो सामान्य व एक दुर्लभ काले रंग का हैं। दूसरी बार में जन्मा काला तेंदुआ खवासा क्षेत्र में नजर आ रहा है, जिसे सैलानी व वन्यजीव प्रेमी बघीरा (काला तेंदुआ) के नाम से पुकार रहे हैं। यह करीब नौ माह का हो चुका है। अधिकारी ने कहा कि पेंच राष्ट्रीय उद्यान के खवासा बफर क्षेत्र में बघीरा (काला तेंदुआ) सैलानियों को लुभा रहा है।
इस काले तेंदुए को देखने बंगाल, नासिक, मुंबई व महाराष्ट्र के कई शहरों के अलावा अन्य महानगरों से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। इस दुर्लभ काले तेंदुए के फोटो और वीडियो पेंच के फोटोग्राफर ने अपने कैमरे में कैद किए जो कि सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहे हैं। पेंच पार्क प्रबंधन ने भी अपने फेसबुक पेज पर भी काले तेंदुए का वीडियो पोस्ट किया है। किताब ‘द जंगल बुक’ और उस पर बने धारावाहिक के प्रमुख किरदार बालक मोगली की जन्मभूमि पेंच राष्ट्रीय उद्यान को माना जाता हैं।
‘द जंगल बुक’ में काले तेंदुए को मोगली का रक्षक दिखाया गया था। विशेषज्ञ बताते हैं कि, काला तेंदुआ भी अन्य तेंदुओं की तरह ही होता है। यह अलग से कोई प्रजाति नहीं है। केवल आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण इनका रंग काला हो जाता है। इसी कारण ऐसे तेंदुओं की उपलब्धता किसी भी घने और नमी वाले जंगलों में हो सकती है।
उपाध्याय ने बताया कि इस काले तेंदुए को देखने दूर-दूर से सैलानी पहुंच रहे है। वर्षा के कारण बफर क्षेत्र में एक-दो वाहन में ही सैलानी सफर का लुत्फ उठाने पहुंच रहे थे, लेकिन अब काला तेंदुआ नजर आने से सैलानियों की संख्या अचानक बढ़ गई है।
Black Leopard is also referred as Ghost of the Jungle,coz of its color n fiery eyes. Imagine him watching u in the drakness of night when it's body is invisible due to black colour N only it's two eyes floating in the dark.. Chilling!!For more such encounters visit #Pench pic.twitter.com/viQ2jbd9Y5
— Pench Tiger Reserve (@PenchMP) August 21, 2022
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