मुरादाबाद : छह साल में रोके 110 बाल विवाह, कार्रवाई के नाम पर बस शपथ पत्र

मुरादाबाद : छह साल में रोके 110 बाल विवाह, कार्रवाई के नाम पर बस शपथ पत्र

जूही/अमृत विचार। बाल विवाह रोकने के लिए सरकार भले ही तमाम दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और ही बयां करती है। चाइल्ड लाइन के छह साल के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 110 बाल विवाह की शिकायतें मिली हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ शपथ …

जूही/अमृत विचार। बाल विवाह रोकने के लिए सरकार भले ही तमाम दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और ही बयां करती है। चाइल्ड लाइन के छह साल के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 110 बाल विवाह की शिकायतें मिली हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ शपथ पत्र लेकर की बक्श दिया गया। गुरुवार को भी रामपुर में चाइल्ड लाइन एक बाल विवाह को रुकवा दिया। यहां भी विभाग की टीम ने मात्र शपथ-पत्र लेकर अपने काम की इतिश्रि कर दी।

बाल विकास विभाग बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को रोकने के लिए लगातार जागरुकता अभियान चला रहा है। तमाम जागरूक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। विभिन्न संस्थाएं भी इस ओर काम कर रही हैं। जिसका असर दिखाई देने लगा है। ऐसे कृत्य की लोग उन्हें जानकारी देने लगे हैं। अधिकतर इस तरह की सामाजिक बुराई जिले के गरीब, पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों में व्याप्त हैं। बावजूद इसके बाल विवाह जैसे मामले में प्रकाश में आ रहे हैं।

ताजा मामला गुरुवार का है। रामपुर चाइल्ड लाइन को सूचना प्राप्त हुई कि दधियाल टांडा रामपुर निवासी अपनी बेटी की गोती का विवाह कटघर थाना क्षेत्र के गांव में कराने जा रहे हैं। मौके पर टीम ने पहुंचकर मामले की जांच की तो पता चला कि लड़की की उम्र 17 वर्ष है। टीम ने नाबालिग के साथ माता-पिता की काउंसिलिग की। उन्होंने बाल विवाह के कानूनी पहलुओं की भी जानकारी दी। इसके साथ ही परिजनों से शपथ पत्र भी भरवाया। नाबालिग के अभिभावकों ने कहा कि बालिग होने के बाद ही वह अपनी लड़की की शादी करेंगे।

बाल विवाह के आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष मामले
2016-17 5
2017-18 9
2018-19 15
2019-20 20
2020-21 25
2021-22 27

ये है अधिनियम
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह कराने वाले वर-वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। अधिनियम का उल्लंघन करने पर दो साल तक के कठोर कारावास या एक लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

चाइल्ड लाइन प्रभारी श्रद्धा शर्मा ने कहा कि  चाइल्ड लाइन की टीम गोपनीय शिकायत मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल करती है। साथ ही परिजनों की काउंसिलिंग भी की जाती है। अभी तक सभी मामलों में शपथ पत्र लिए गए हैं।

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