मथुरा: अब लोअर कोर्ट में चलेगा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला, जिला जज की कोर्ट ने रिवीजन पिटीशन किया स्वीकार

मथुरा: अब लोअर कोर्ट में चलेगा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला, जिला जज की कोर्ट ने रिवीजन पिटीशन किया स्वीकार

मथुरा। गुरुवार को जिला जज कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में सुनवाई हुई। जिला जज राजीव भारती की कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर बनाम शाही ईदगाह मस्जिद मामले में रिवीजन को स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई लोअर कोर्ट में होगी। एडवोकेट रंजना सहित 6 लोगों की तरफ से दाखिल वाद …

मथुरा। गुरुवार को जिला जज कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में सुनवाई हुई। जिला जज राजीव भारती की कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर बनाम शाही ईदगाह मस्जिद मामले में रिवीजन को स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई लोअर कोर्ट में होगी।

एडवोकेट रंजना सहित 6 लोगों की तरफ से दाखिल वाद में मांग की गई थी कि श्रीकृष्ण विराजमान की 13.37 एकड़ जमीन है। 13.37 एकड़ भूमि में से करीब 11 एकड़ पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर बना है। जबकि 2.37 एकड़ जमीन पर शाही ईदगाह मस्जिद है। 2.37 एकड़ जमीन को मुक्त कराकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शामिल किया जाए।

इसके अलावा 1968 में हुए समझौते को भी रद्द करने की मांग की गई है। वादी पक्ष का कहना है कि इस मामले में संस्थान को समझौता करने का अधिकार ही नहीं है, जबकि जमीन ठाकुर विराजमान केशव कटरा मंदिर के नाम से है।

सिविल जज सीनियर डिविज़न की अदालत में गुरुवार को श्री कृष्ण विराजमान की ओर से वादी मनीष यादव केस में उनके वकील देवकी नंदन शर्मा ने दो याचिकाएं दाखिल की हैं।

इसमें कहा गया है कि मथुरा की शाही ईदगाह की निगरानी 24 घंटे की जाए। CCTV कैमरे लगाए जाएं। डीएम, एसएसपी और सीआरपीएफ के कमांडिंग ऑफ़िसर इसकी निगरानी के लिए ज़िम्मेदार बनाए जाएं। शाही ईदगाह की पूरी निगरानी प्रमुख सचिव गृह करें।

ज्ञानवापी में शिवलिंग पाया गया है इसलिए शाही ईदगाह के हिंदू प्रतीक मिटाए जा सकते हैं। इसलिए यहां ASI को भेजा जाए ताकि वो यहां के पत्थरों आदि की पहचान करें और देखें कि ये उनके दायरे में आता है या नहीं और एक विस्तृत रिपोर्ट दें। कोर्ट ने दोनों याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख 1 जुलाई रखी है।

पढ़ें- मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर कोर्ट में दाखिल हुआ प्रार्थना पत्र, ASI से सर्वे कराने की उठी मांग