लखनऊ लोहिया संस्थान : हॉस्पिटल ब्लॉक में इलाज महंगा होने से बढ़ी मरीजों की मुश्किलें, पर्चा काउंटर पर आज मिली छूट

लखनऊ लोहिया संस्थान : हॉस्पिटल ब्लॉक में इलाज महंगा होने से बढ़ी मरीजों की मुश्किलें, पर्चा काउंटर पर आज मिली छूट

लखनऊ । डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में इलाज मंहगा हो गया है, आज से यहां पर दवाओं का शुल्क पड़ना शुरू हो गया, इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को दवा काउंटर से दवायें खरीदनी पड़ीं,इस दौरान बहुत से मरीजों को पूरी दवा नहीं मिल पाई,दवा काउंटर पर लंबी लाइन लगाकर …

लखनऊ । डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में इलाज मंहगा हो गया है, आज से यहां पर दवाओं का शुल्क पड़ना शुरू हो गया, इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को दवा काउंटर से दवायें खरीदनी पड़ीं,इस दौरान बहुत से मरीजों को पूरी दवा नहीं मिल पाई,दवा काउंटर पर लंबी लाइन लगाकर पहले पैसा जमा करना,उसके बाद आधी अधूरी दवा मिलने से मरीजों ने नाराजगी दिखाई। इतना ही नहीं शुल्क व्यवस्था शुरू होने से कई मरीजों ने दवा ही नहीं खरीदी। दवाओं का शुल्क पड़ना बताया जा रहा है। हालांकि इसबीच राहत की बात यह रही की आज के दिन पर्चा काउंटर पर पूर्व की भांति एक रूपये का ही पर्चा बनता रहा। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन जल्द ही पंजीकरण काउंटर पर भी शुल्क बढ़ा दिया जायेगा।

दरअसल, डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में इलाज मंहगा हो गया है, संस्थान प्रशासन ने एकल पॉलिसी लागू करते हुये इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर हॉस्पिटल ब्लाक में नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं की जगह पर शुल्क व्यवस्था लागू कर दी है। यहां पर पहले दवायें मुफ्त मिला करती थीं, लेकिन आज से उनका शुल्क पड़ने लगा है।

दवा नहीं मिली है, हमलोग परेशान हैं

बाबूलाल अपनी बेटी का इलाज कराने लोहिया अस्पताल पहुंचे थे,इस दौरान उन्होंने बताया कि आज यहां कोई दवा नहीं मिली है,हमलोग परेशान हैं, पहले दवा सीधे मिल जाती थी ,अब बिल जमा करा रहे हैं, गरीब आदमी को यहां इलाज मिल पाना अब कठिन है।

राजधानी के तकरोई से कमला कनौजिया लोहिया अस्पताल इलाज कराने आती हैं, वह बताती है कि अभी तक यहां पर इलाज नि:शुल्क मिलता था,तो गरीब व्यक्ति भी इलाज करा लिया करता था, गरीब आदमी कहां से पैसा लेकर आयेगा तब इलाज करायेगा,

मऊ जिले के निवासी पिंटू विश्वकर्मा अपनी पत्नी का इलाज लोहिया अस्पताल में करा रहे थे, वह राजधानी में कॉरपेंटर के तौर पर दिहाड़ी मजदूरी करते हैँ, लोहिया में इसलिए इलाज करा रहे थे कि इलाज नि:शुल्क मिल रहा था,काफी हद तक दवायें भी मिल जाती थी,कुछ ही दवा बाहर से खरीदनी पड़ती थी, लेकिन अब जांच से लेकर दवाओं तक का शुल्क पड़ना शुरू हो गया। ऐसे में उन्होंने बताया कि अब यहां इलाज करा पाना उनके बस की बात नहीं है।

बताया जा रहा है कि रोगियों को उत्कृष्ट कोटि की गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्धारित सेवा शुल्क की एकल पॉलिसी को आज से लागू कर दिया गया है ।

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