ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के हक में आया फैसला तो भड़कीं महबूबा, कहा- कोर्ट BJP के नरेटिव को आगे बढ़ा रही
श्रीनगर। ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस में हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाए जाने पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है। महबूबा ने ट्वीट किया कि यह फैसला न सिर्फ लोगों को उकसाएगा बल्कि सांप्रदायिक माहौल बनाएगा…विडंबना है कि यह सब बीजेपी के एजेंडा के अनुसार है। महबूबा मुफ्ती …
श्रीनगर। ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस में हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाए जाने पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है। महबूबा ने ट्वीट किया कि यह फैसला न सिर्फ लोगों को उकसाएगा बल्कि सांप्रदायिक माहौल बनाएगा…विडंबना है कि यह सब बीजेपी के एजेंडा के अनुसार है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कोर्ट के ज्ञानवापी के निर्णय पर मुझे अफसोस है क्योंकि कोर्ट अपने फैसलों को नहीं मान रही, जिसमें उन्होंने 1947 के बाद सारे धार्मिक जगहों की यथास्थिति को बनाए रखने के लिए कहा था। कोर्ट बीजेपी के नरेटिव को आगे बढ़ा रही है।
Court ruling on Gyanvapi despite Places of Worship Act will lead to rabble rousing & create a communal atmosphere which ironically plays into BJP’s agenda.Its a sorry state of affairs that Courts don’t follow their own rulings.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 13, 2022
बता दें कि ज्ञानवापी केस में सोमवार को अहम फैसला सुनाया। वाराणसी (यूपी) की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में देवी देवताओं की पूजा की मांग को लेकर दाखिल याचिका के मामले में हिंदू महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका रद्द करते हुए कहा कि यह मामला सुनवाई के योग्य है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
वहीं, गुलाम नबी आजाद के 370 को लेकर दिए गए बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यही भाजपा नागालैंड में अलग संविधान और झंडा दे रही है और उन लोगों से बात कर रही है जिन लोगों ने फौजी गाड़ी को उड़ाया था और हमारे 18 जवान शहिद हुए थे। मेरा मानना है कि (गुलाम नबी) आजाद जी की अपनी राय है।
अनुच्छेद 370 पर गुलाम नबी आजाद का मत उनकी परेशानी बढ़ा सकता है। खबर है कि कश्मीर में उनके वफादारों के लिए भी कोई सियासी फैसला लेना मुश्किल बनता जा रहा है। कांग्रेस से अलग होने के बाद आजाद ने रविवार को घाटी में पहली रैली की थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि वह आर्टिकल 370 को लेकर लोगों को गुमराह और उसकी बहाली का वादा नहीं करेंगे।
ये भी पढ़ें : हिंदुओं के हक में वाराणसी कोर्ट का फैसला, ज्ञानवापी-शृंगार केस सुनने लायक, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज