अगले पांच सालों में यूपी से समाप्त हो जायेंगे डीजल पेट्रोल वाहन, केन्द्रीय मंत्री ने दी सीएम योगी को ये सलाह

अगले पांच सालों में यूपी से समाप्त हो जायेंगे डीजल पेट्रोल वाहन, केन्द्रीय मंत्री ने दी सीएम योगी को ये सलाह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे डीजल पेट्रोल वाहन पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बने हुए हैं। पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों ने भी आम आदमी की कमर तोड़ दी है। ऐसे में अब यहां डीजल पेट्रोल की जगह बॉयो इथेनाल से वाहन चलाये जाये तो बेहतर होगा। इससे आर्थिक बोझ कम होगा …

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे डीजल पेट्रोल वाहन पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बने हुए हैं। पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों ने भी आम आदमी की कमर तोड़ दी है। ऐसे में अब यहां डीजल पेट्रोल की जगह बॉयो इथेनाल से वाहन चलाये जाये तो बेहतर होगा। इससे आर्थिक बोझ कम होगा और प्रदूषण भी समाप्त होगा। कुछ इसी सोच साथ ये सलाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दी है। मंत्री गडकरी शनिवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शुरू हुए तीन दिवसीय रोड कांग्रेस के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश को 8000 करोड़ रुपये की योजनाएं देकर जा रहा हूं। उन्होंने ये भी कहा कि ये न्यूज रील मात्र है, फिल्म अभी बाकी है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा आप से मेरी अपील है कि अगले पांच सालों में डीजल पेट्रोल वाहनों को समाप्त करने का लक्ष्य रखिए। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि यूपी में डबल डेकर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जायें। यह सस्ती पड़ेगी। किराया भी 25 फीसदी तक कम कर सकते हैं। उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार राज्य के लिए हर मदद के लिए खड़ी है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। इस मौके पर सड़क परिवहन व राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद, पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री बृजेश सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी नरेंद्र भूषण आदि मंच पर उपस्थित थे।

सड़क हादसों हो रही हर साल सवा लाख मौतें
नितिन गडकरी ने इस बारे में भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मुझे अफसोस है कि हर साल देश भर में सड़क हादसों में सवा लाख मौते हो जाती हैं। किसी का भाई चला जाता है तो किसी के माता पिता यहां तक डॉक्टर, इंजीनियर और बड़े-बड़े अधिकारी सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं ये अच्छी बात नहीं है। उन्होंने अलग-अलग रज्यों व प्रदेश के इंजीनियरों से अपील करते हुए कहा कि तीन दिनों के इस रोड कांग्रेस के मौके पर गहनता से विचार करना होगा कि वह किस तरह का सड़क डीपीआर तैयार करें जिससे दुर्घटनाओं में कमी आये। उन्होंने कहा कि देश की विकास दर के लिए जरूर पैसे की कमी है। उन्होंने कहा कहा कि एप्रोप्रिएट टेक्नालाजी की जरूरत है। अभी डीपीआर बनाने में बहुत गलतियां हो रही हैं। रोड सेप्टी आडिट में ये गलतियां लगातार सामने आ रही हैं।

जमर्नी की कार कंपनी का दिया हवाला
नितिन गडकरी ने कहा कि जर्मनी की कार का परफेक्शन 101 फीसदी है। भारतीय इंजीनियरों को भी 100 फीसदी परफेक्शन लाना होगा। इंडियन रोड कांग्रेस में आए इंजीनियरों और विशेषज्ञों से कहा कि निर्माण की गुणवत्ता तय करें। छह इंच की सीमेंट सड़क 25 साल तक बिना किसी मेंटनेंस के चल सकती है। ऐसे में मेंटनेंस का बजट बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है।

सपना देश में ई-हाइवे बनाने का है
उन्होंने कहा कि भारत में जनसंख्या और वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में ग्रीन हाइवे विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका सपना ई-हाइवे का है। अगले माह वह ई-ट्रक लांच करने वाले हैं। हाइड्रो कार की चर्चा की। यह भी बताया कि आज भारत में इलेक्ट्रिक कार खरीदने की वेटिंग एक साल चल रही है। गडकरी ने कहा कि आईआरसी के तीन दिवसीय अधिवेशन से जो अमृत निकलेगा वह देश के कारगर होगा। भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इसके लिए सबसे जरूरी है बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर। तेज विकास के लिए अच्छा रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत जरूरी है। इंजीनियरों से अपील की कि वह भगवान विश्वकर्मा के रोल में काम करें। उन्होंने कहा कि इंजीनियरों की युवा मैनपावर सबसे अधिक भारत में है। हम विकासशील राज्य हैं इसलिए हर रुपये की कीमत है।