कांग्रेस के तार पाकिस्तान से जुड़े, करंट भी वहीं से आता : BJP

कांग्रेस के तार पाकिस्तान से जुड़े, करंट भी वहीं से आता : BJP

नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भाजपा के संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। किसी भी व्यक्ति से ऊपर हमारा देश भारत है और भारत के नागरिकों …

नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भाजपा के संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। किसी भी व्यक्ति से ऊपर हमारा देश भारत है और भारत के नागरिकों का हित है। बीजेपी द्वारा पूछे गए कांग्रेस पार्टी और हामिद अंसारी (पूर्व उप राष्ट्रपति) से सवालों के जवाब में हामिद अंसारी जी ने सारा ठीकरा कांग्रेस सरकार पर ये कह कर फोड़ा कि जो उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम में बुलाए जाते हैं वो सरकार की सलाह से बुलाए जाते हैं। आतंकवाद से कैसे लड़ना है ये कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान के आईएसआई एजेंट से सीख रही थी। हामिद अंसारी जी कहते हैं कि मैंने आतंकवाद के विषय पर 11 दिसंबर 2010 एक कांफ्रेंस का उद्घाटन किया था। आतंकवाद के विषय पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की तस्वीर में दिख रहा है कि बीच में हामिद अंसारी जी बैठे हैं, उसी मंच पर पाकिस्तान के बहरूपिया पत्रकार, पाकिस्तान का एजेंट नुसरत मिर्जा भी बैठा है।

क्या ये सत्य नहीं है कि इस तरह का कोई भी कार्यक्रम आयोजित होता है तो उसकी क्लेरेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के इनपुट के क्या बाद में दी जाती है? संवैधानिक पदों पर बैठे किसी व्यक्ति का कार्यक्रम होता है उसके प्रोटोकॉल के तहत उनका कार्यालय ये जानकारी लेता है कि उस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल होगा। ऐसे में क्या ये मानना सही नहीं होगा कि कांग्रेस चाहती थी कि पाकिस्तान का व्यक्ति भारत में घुसे और भारत की अखंडता को ठेस पहुंचाए? अगर हामिद अंसारी चाहते तो वो कह सकते थे कि उस व्यक्ति को कांफ्रेंस में न बुलाया जाए। उसके साथ वे मंच साझा करने से मना कर सकते थे। हामिद अंसारी जी कहते हैं कि मैंने आतंकवाद पर कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन 11 दिसंबर 2010 को किया था। उन्होंने कहा है कि उन्होंने आयोजक ही आगंतुकों को आमंत्रित करते हैं, मैंने उसे (नुसरत मिर्जा) इनवाइट नहीं किया था और न ही मिला था।

मुंबई आतंकी हमले के एक साल के भीतर की एक तस्वीर का दावा करते हुए भाटिया कहते हैं कि 27 अक्टूबर 2009 को हो रही मीटिंग में बीच में बैठे हैं तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और मंच पर पाकिस्तान के नुसरत मिर्जा बैठे दिखाई देते हैं। इस तरह के किसी कार्यक्रम का आयोजन खुफिया एजेंसियों के क्लियरेंस के बाद की जाती है और वीजा देने का काम विदेश मंत्रालय ही करता है तो यह कैसे हो गया कि ऐसा पत्रकार जो पाकिस्तान की आईएसआई को भारत की गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था, वह तत्कालीन उपराष्ट्रपति के साथ बैठा हुआ है।

संवैधानिक प्रवक्ता ने कहा कि इस मीटिंग में सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री भी बैठे हुए हैं। क्या यह सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए कि ऐसे व्यक्ति को वीजा क्यों दिया गया, वह भारत आकर रेकी करता है और उस जानकारी का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। भारतीयों की जान को खतरे में क्यों डाला गया।

प्रश्न पूछा जाना चाहिए कि हामिद अंसारी जी आपकी याद्दाश्त बहुत अच्छी है तो क्या नीयत में खोट था कि इस 2009 की प्रेस वार्ता का जिक्र आपने अपने बयान में नहीं किया। सच शून्य और झूठ 100 प्रतिशत। संवैधानिक पदों पर बैठे रहे शख्स का आदर होना चाहिए लेकिन देश से बढ़कर कोई नहीं है। इन सवालों से पहले हामिद अंसारी और कांग्रेस को जनता को सारी जानकारी स्पष्ट बतानी चाहिए थी। गोपनीय जानकारी सरकार के साथ साझा की जानी चाहिए थी। भाटिया ने कहा कि जिस सेमिनार का जिक्र अंसारी जी ने किया, उसके आयोजक सुप्रीम कोर्ट के वकील का बयान आया है। वह कहते हैं कि उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जोर दे रहे थे और जब नहीं बुलाया गया तो वह काफी नाराज हो गए। अंसारी जी ने अपमानित महसूस किया। 1 घंटे की जगह वह 20 मिनट ही रहे।

 

ये भी पढ़ें : एक और झटका: संसद में अब धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर भी रोक ! कांग्रेस बोली- D(h)arna मना है