बरेली: स्वस्थ रहने के लिए योग को दिनचर्या में करें शामिल

बरेली: स्वस्थ रहने के लिए योग को दिनचर्या में करें शामिल

बरेली, अमृत विचार। बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल सभागार में रविवार को आरोग्य भारती संस्था द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सा सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में देश के कोने-कोने से पहुंचे चिकित्सा विशेषज्ञों ने योग, आयुर्वेद और एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियों पर विस्तृत चर्चा की और चिकित्सा विज्ञान में वर्तमान …

बरेली, अमृत विचार। बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल सभागार में रविवार को आरोग्य भारती संस्था द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सा सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में देश के कोने-कोने से पहुंचे चिकित्सा विशेषज्ञों ने योग, आयुर्वेद और एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियों पर विस्तृत चर्चा की और चिकित्सा विज्ञान में वर्तमान प्रवृति के विषय पर व्याख्यान दिया।

सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रति कुलाधिपति डा. अशोक कुमार अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योग और योग के उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बताया कि वर्तमान जीवन शैली को देखते हुए स्वस्थ रहने के लिए योग को दिनचर्या में शामिल करना अत्यंत आवश्यक है। आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डा. अशोक वार्ष्णेय ने सभी चिकित्सा पद्धतियों को समेकित करने पर जोर दिया।

राष्ट्रीय संगठन सचिव डा. प्रशांत गुप्ता ने संगठन द्वारा इस दिशा में किए जा रहे अनेक कार्यों को विस्तार से बताया। जनपद पीलीभीत के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डा. सुदीप सहाय बेदार ने आयुर्वेद की विशेषतओं और बढ़ती मांग के बारे में जानकारी दी। दिल्ली स्थित ऑल इंडिया ऑफ आयुर्वेद के प्रो डा. पीके प्रजापति ने आयुर्वेद चिकित्सा के अंतर्राष्ट्रीय प्रयोग की संभावनाओं पर जानकारी दी। गट्टूमल आयुर्वेद कॉलेज के रवि अग्रवाल ने आयुर्वेदिक दवाओं की दिनों-दिन बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय मांग के बारे में बताया। डा. अतुल वार्ष्णेय ने बताया कि संगोष्ठी का आयोजन प्रत्येक छह माह में कराया जाए, इसके लिए प्रयासरत हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सके।

शामली से संगोष्ठी में भाग ले रहे डा. राजतायल ने कर्णवेधन द्वारा दमा की चिकित्सा, डा. भारती सरन ने बांझपन की चिकित्सा और मुरादाबाद से आए डा. सत्यप्रकाश ने उच्च रक्तचाप की आयुर्वेदिक चिकित्सा के बारे में बताया।