बरेली: 48 घंटे बाद भी ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ नहीं दर्ज हुई रिपोर्ट

बरेली: 48 घंटे बाद भी ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ नहीं दर्ज हुई रिपोर्ट

बरेली,अमृत विचार। बिथरी चैनपुर की सात ग्राम पंचायतों में 1.52 करोड़ रुपये के गबन के मामले में 48 घंटे पहले एफआईआर दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन अभी तक थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। उधर सात प्रधानों को नोटिस जारी किये जाने के बाद जवाब तलब किया गया है। …

बरेली,अमृत विचार। बिथरी चैनपुर की सात ग्राम पंचायतों में 1.52 करोड़ रुपये के गबन के मामले में 48 घंटे पहले एफआईआर दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन अभी तक थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। उधर सात प्रधानों को नोटिस जारी किये जाने के बाद जवाब तलब किया गया है।

एक सप्ताह बीतने के बाद भी अब तक उनकी ओर से स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। डीपीआरओ की ओर से 21 दिन का समय दिया गया है। निर्धारित समय सीमा पर जवाब न देने पर प्रधानों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ग्राम पंचायत उड़ला जागीर में तैनात ग्राम विकास अधिकारी आलोक यादव को 9 फरवरी को डीसी मनरेगा कार्यालय संबद्ध कर दिया गया था। भनक लगने के बाद उसने ग्राम पंचायत के खाते से 9 लाख रुपये निकाल लिये थे। मामले को संज्ञान में लेने के बाद डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने दस्तावेज तलब किये थे।

जिस पर वह दस्तावेज नहीं दे सका था और ग्राम पंचायत में ही काम करता रहा। इसके बाद इसने छह और ग्राम पंचायतों से करीब 90 लाख रुपये का गबन कर लिया। मामला संज्ञान में आने के बाद सीडीओ के आदेश पर ग्राम विकास अधिकारी आलोक यादव को जिला विकास अधिकारी ने निलंबित कर दिया।

साथ ही संबंधित ग्राम पंचायतों के प्रधानों को भी नोटिस भेजा गया है। 21 दिन में संतोषजनक उत्तर न देने पर संबंधित प्रधानों को पद से हटाए जाने की कार्रवाई की जाएगी। डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के आदेश जारी कर दिये गये हैं लेकिन अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा सकी है। पुलिस अपने स्तर से भी जांच कर रही है।

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