बरेली: पांच दिन की बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई जगह धंसी सड़कें
बरेली, अमृत विचार। गुरुवार से शुरू हुई बारिश सोमवार को भी जारी है। इस मूसलाधार बारिश के कारण जन- जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित मजदूर तबका हो रहा है जो रोज मजदूरी कर किसी तरह अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करता है। बारिश में यातायात व्यवस्था को और प्रभावित कर …
बरेली, अमृत विचार। गुरुवार से शुरू हुई बारिश सोमवार को भी जारी है। इस मूसलाधार बारिश के कारण जन- जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित मजदूर तबका हो रहा है जो रोज मजदूरी कर किसी तरह अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करता है। बारिश में यातायात व्यवस्था को और प्रभावित कर दिया है।
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शहर से लेकर गांव तक लोगों को आने-जाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बुरी हालत दो पहिया व पैदल चलने वाले को हो रही है। जर्जर सड़कों में बने गड्ढे पानी से भर गये हैं। इसके कारण कहां गड्ढे हैं यह पता नहीं लग पा रहा वाहन चालकों को हादसे का डर सता रहा है। बरसात से जलभराव वाले क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों और गरीबों का जीवन नरकीय हो गया है। पशुओं के लिए भी चारे के लाले पड़ गये हैं।
शहरी क्षेत्र में खासतौर पर सिटी स्टेशन रोड पूरी तरह पानी में डूब गया है। मणिनाथ, भूड़, हजियापुर, दुर्गा नगर, संजयनगर , सुभासनगर पुलिया की स्थिति बद से बदतर हो गई है। यहां गंदा पानी लोगों के घरों में घुसने लगेगा। जाम पड़े नाले और नालियों की सफाई में नगर निगम जुटा हुआ है। शहर के ज्यादातर रोड डैंजर जोन में तब्दील हो गए हैं। क्योंकि शहर में जगह-जगह खुदाई के बाद मिट्टी डाल दी गई थी। जो मूसलाधार बारिश में बह गई है। और गड्ढों में पानी भर गया है।
पानी के निकास के कारण बनी समस्या
शहर में पानी भरने का प्रमुख कारण पानी का निकास न।होना है।पहले सुभाषनगर के करगैना से होता हुआ नाला।रामगंगा नदी में जाता था। बीते दो साल पहले नगर निगम के चीज इंजीनिय का कार्य देख रहे संजय सिंह ने जाकर मुआयना किया था। सुभाषनगर से जाने वाले नाले से शहर का पानी नदी में जाता है।लेकिन इस नाले में।जगज जगह पेड़ निकल आने से निकासी बन्द बंद होने से पानी वापस लौटने रहा है।वहीं लोगों के मकान बनजाने से भी यही समस्या उत्पन्न हो रही है।नगर निगम की लचर कार्य प्रणाली ने सोने में सुहागा कर दिया।सावन शुरु होने से पहले इसका जायजा लेकर अगर नगर निगम काम करना तो इतने बुरे हालात नहीं बनते।अगर अभी भी शहर से।पानी के निकास को लेकर कार्य नहीं होता है तो शहर के लोगों को बारिश में इस तरह की की बड़ी समस्या से जूझना पड़ेगा। अधिकारी व जनप्रतिनिधियों अगर इस ओर अपना ध्यान दे तो इस बड़ी समस्या से शायद निजात मिल जाए।
सिटी स्टेशन के सामने वाली रोड बनाने वाले ठेकेदार पर हो कार्यवाही
लंबे समय से किला से चौपुला जाने वाली रोड पंजाब नेशनल बैंक के पास व सिटी स्टेशन के सामने की रोड अख़बारों में सुर्खियां बटोर चुकी है।इस रोड को कई वार सही भी कराया गया।लेकिन रोड 5-6महीने से ज्यादा टिक नहीं सकी आखिर क्या बजह है इस रोड के खराब होने की ।अगर ठेकेदार इस सड़क को डालने में हर बार लापरबाही बरत रहे हैं तो उनके खिलाफ विभाग कोई कार्यवाही क्यो नहीं कर रहा। मोटी मलाई खाने की होड़ में कही न कही ठेकेदार के साथ अधिकारी भी मिले हुए हैं।जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
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