बरेली: सजा पटाखा बाजार, पिछले दशहरा की तुलना में आधा व्यापार

बरेली: सजा पटाखा बाजार, पिछले दशहरा की तुलना में आधा व्यापार

बरेली, अमृत विचार। आखिरकार व्यापारियों की मेहनत रंग लाई और बुधवार को दशहरा के दिन पटाखा बाजार गुलजार हो गया। पटाखा दुकानों के खुलने की सूचना पाकर ग्राहकों की भीड़ भी उमड़ी। पूरे दिन खरीदारी होती रही। सुबह से देर रात तक दुकानों पर चहल-पहल दिखी, इससे व्यापारी खुश दिखाई दिए। पिछली बार की तुलना …

बरेली, अमृत विचार। आखिरकार व्यापारियों की मेहनत रंग लाई और बुधवार को दशहरा के दिन पटाखा बाजार गुलजार हो गया। पटाखा दुकानों के खुलने की सूचना पाकर ग्राहकों की भीड़ भी उमड़ी। पूरे दिन खरीदारी होती रही। सुबह से देर रात तक दुकानों पर चहल-पहल दिखी, इससे व्यापारी खुश दिखाई दिए। पिछली बार की तुलना में इस दशहरा में कारोबार आधा ही रहा, इसकी कसक भी व्यापारियों में दिखी। मंगलवार देर रात आदेश होते ही पटाखा व्यापारियों ने सुकून की सांस ले ली थी।

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रात में कई दुकानदारों ने दुकानें खोली। इसके बाद बुधवार की सुबह होते ही सभी दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों पर पहुंचे। विजयदशमी का पर्व होने से दिन चढ़ने के साथ ही दुकानों पर ग्राहकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। इस बार पिछले दशहरा की अपेक्षा आतिशबाजी का कारोबार आधा ही हो सका है। आतिशबाजी व्यापार संघ के अध्यक्ष कृष्णदेव सूद बताते हैं कि, पिछली बार दुकानें समय से खुलीं थी। लोगों को दुकानें खुलने की जानकारी थी। इस बार दशहरा के दिन ही दुकानें खुलीं, इससे काफी लोगों को जानकारी भी नहीं हो सकी। फिर भी पहले दिन के हिसाब से व्यापार ठीक ही रहा। आगे अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है।

साफ-सफाई, आर्डर देने में बीता पहला दिन

दुकानें खुलने के बाद पहला दिन साफ-सफाई में व्यापारी जुटे रहे। वहीं, स्टाॅक के लिए आर्डर देने में फोन घनघनाते रहे। कई दुकानों पर आतिशबाजी का स्टॉक आया तो उसे व्यवस्थित करने में लगे रहे। कई व्यापारियों ने बताया कि कई आर्डर दिए गए हैं। जैसे-जैसे बिक्री होती रहेगी, उसी हिसाब से आर्डर मंगाते रहेंगे।

सीलन की वजह से खराब हुई आतिशबाजी सामग्री

काफी समय बाद बुधवार को दुकानें खुलने के बाद आतिशबाजी का काफी मात्रा में सामान खराब पाया गया। सीलन की वजह से गत्ते में रखी आतिशबाजी सामग्री में नमी पाई गई। उसे बाहर धूप में रखकर सुखाते रहे, लेकिन फिर भी सामग्री पहले जैसी नहीं हो सकी। कई दुकानदारों ने बताया कि सुखाने के बाद आधे दाम में बेचना पड़ा। कुछ ने लेने से भी इनकार कर दिया।

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