अयोध्या: जनपद के सरकारी विभाग पावर कॉर्पोरेशन का दबाए बैठे हैं 6 करोड़

अयोध्या। छोटे बकायेदारों पर रोजाना वसूली और कनेक्शन काटने का चाबुक चलाने वाला बिजली विभाग बड़े बकायेदारों से वसूली में हाथ बांध कर बैठा हुआ है। सरकारी बकायेदार विभागों से बिजली बिल की वसूली के लिए चिट्टी-पत्री का खेल चल रहा है तो छोटे बकायेदारों का कनेक्शन काट दिया जा रहा है। यह हाल तब …
अयोध्या। छोटे बकायेदारों पर रोजाना वसूली और कनेक्शन काटने का चाबुक चलाने वाला बिजली विभाग बड़े बकायेदारों से वसूली में हाथ बांध कर बैठा हुआ है। सरकारी बकायेदार विभागों से बिजली बिल की वसूली के लिए चिट्टी-पत्री का खेल चल रहा है तो छोटे बकायेदारों का कनेक्शन काट दिया जा रहा है। यह हाल तब है जब पावर कार्पोरेशन ने शत-प्रतिशत वसूली का आदेश जारी कर रखा है। यहां सरकारी विभागों पर करीब 6 करोड़ से अधिक की बकायेदारी सामने आई है। वहीं निजी उपभोक्ताओं पर साढ़े पांच करोड़ की बकायेदारी बताई जा रही है। हालांकि विभाग के अफसर दावा कर रहे हैं कि सरकारी विभागों से भी वसूली की जा रही है।
बिजली बिल में बकायेदारी को लेकर पावर कापोर्रेशन सीधे-सीधे दोहरा मापदंड अपना रहा है। इसका सीधा प्रमाण यह है कि विभाग की ओर से चल रहे वसूली अभियान में अभी तक एक भी सरकारी विभाग का कनेक्शन नहीं काटा गया है, जबकि सैकड़ों की संख्या में निजी उपभोक्ताओं के कनेक्शन विच्छेद किए गए हैं। यही नहीं विभाग की ओर से कई उपभोक्ताओं पर मुकदमा तक दर्ज कराया गया है। विभाग की टीमें मोहल्लों में तो जाती हैं लेकिन सरकारी विभागों की ओर कोई रुख तक नहीं करता है।
160 विभाग पर 6 करोड़ की बकायेदारी
सूत्रों के अनुसार फेसू-वन के अधीन आने वाले करीब 160 सरकारी विभागों पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की बकायेदारी चल रही है। इनसे अभी पावर कार्पोरेशन एक पाई भी वसूल नहीं पाया है। बताया जाता है कि अकेले स्वास्थ्य विभाग पर ही 40 लाख बकाया है जिसे वसूलने के लिए कई चिट्ठी लिखी जा चुकी, लेकिन अभी बकाया जमा नहीं हुआ। वहीं पीडब्ल्यूडी पर करीब 25 लाख बकाया है। बेसिक शिक्षा विभाग समेत सरकारी स्कूलों पर 50 लाख की बकायेदारी बताई जा रही है।
हालांकि दावा है कि कलेक्ट्रेट पर कोई बकाया नहीं है। इसके अलावा करीब 2 हजार निजी उपभोक्ता ऐसे है जिन पर साढ़े 5 करोड़ रुपये की बकायेदारी है। इनमें औद्योगिक क्षेत्र की भी बकायेदारी शामिल बताई जाती है। हालांकि पावर कापोर्रेशन द्वारा सरकारी दफ्तरों पर बकाये की सूचना उपलब्ध कराने में गोपनीयता की आड़ ली जा रही है। यह नहीं बता रहे अफसर कि सरकारी बंगलों और उससे जुड़े संस्थाओं पर कुल कितने की बकायेदारी है।
10 हजार से 1 लाख के बकायेदारों पर ही चल रहा वसूली का कोड़ा
बिजली बिल बकायेदारी को लेकर दंभ भरने वाले पावर कार्पोरेशन का वसूली का कोड़ा केवल 10 हजार से 1 लाख के बकायेदारों पर ही चल रहा है। जिम्मेदार अधिकारी खुद स्वीकारते हैं कि विशेष रूप से इन्हीं बकायेदारों से वसूली की जा रही है। इसे लेकर अब तक सहादतगंज, चौक, जनौरा और नाका क्षेत्र में अभियान चल चुका है, जिसमें प्रतिदिन 150 कनेक्शन काटे जाने की बात कही जा रही है। इसके अलावा बिजली चोरी का मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है। इसे ही विभाग का दोहरा मापदंड बताया जा रहा है।
555 ऐसे कनेक्शन जो कभी नहीं भरते बिजली बिल
फेसू-वन से मिली जानकारी के अनुसार उसके क्षेत्र में 555 कनेक्शन ऐसे भी पाए गए हैं जो बिजली तो जला रहे हैं, लेकिन बिल नहीं भरते हैं। उन्हें डिफाल्टर की श्रेणी में रखा गया है। विभाग का कहना है कि चिह्नित कर लिया गया है इनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अफसर यह नहीं बता सके कि ये डिफाल्टर कब से बिजली का उपभोग कर रहे हैं।
कोट –
सरकारी और निजी दोनों बकायेदारों से वसूली की जा रही है। सरकारी वसूली निर्धारित प्रक्रिया के तहत होती है जिसमें समय लगता है। किसी तरह का दोहरा मापदंड नहीं है।
मनोज कुमार गुप्ता, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खंड, प्रथम
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