मुरादाबाद: 13 साल से होमगार्ड भर्ती का इंतजार, खाली हैं 280 पद, 28 महिला होमगार्ड की भी जिले में है कमी

मुरादाबाद: 13 साल से होमगार्ड भर्ती का इंतजार, खाली हैं 280 पद, 28 महिला होमगार्ड की भी जिले में है कमी

मुरादाबाद,अमृत विचार। पुलिस के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले होमगार्ड भर्ती का जिले में 13 साल से उम्मीदवारों को इंतजार है। विभागीय अधिकारियों की गंभीरता न होने से होमगार्ड के 280 पद रिक्त होने के वावजूद इन पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है। पुरुष होमगार्ड के अलावा 28 महिला होमगार्ड के पद …

मुरादाबाद,अमृत विचार। पुलिस के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले होमगार्ड भर्ती का जिले में 13 साल से उम्मीदवारों को इंतजार है। विभागीय अधिकारियों की गंभीरता न होने से होमगार्ड के 280 पद रिक्त होने के वावजूद इन पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है। पुरुष होमगार्ड के अलावा 28 महिला होमगार्ड के पद भी रिक्त होने से महिला सुरक्षा का दावा कोरा साबित हो रहा है।

वर्ष 1962 में होमगार्ड अधिनियम की स्थापना की गई थी। तभी से होमगार्ड लगातार पुलिस के सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं। यातायात व्यवस्था संभालनी हो या सुरक्षा संबंधी कोई कार्य हो, हर जगह होमगार्ड का सहारा लिया जाता है। प्रशासनिक अफसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी होमगार्डों के कंधों पर ही टिकी है। तमाम होमगार्ड रिटायर हो गए मगर फिर भी विभाग में भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी।

तेरह साल के लंबे समय से बेरोजगार भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। जनपद में 16 सौ होमगार्ड होने चाहिए मगर यहां केवल 1348 से ही काम चलाया जा रहा है। महिला होमगार्ड भी 100 की अपेक्षा मात्र 72 ही हैं। जनपद में 1240 होमगार्ड नियमित ड्यूटी कर रहे हैं। विभाग में मैन्युअली ड्यूटी लगाने के जमाने भी लद चुके हैं।

अब उपहार साफ्टवेयर द्वारा प्रत्येक होमगार्ड को 30 दिन ड्यूटी अनिवार्य रूप से मिलती है। पिछले कुछ वर्षों से होमगार्डों का मानदेय भी ठीक-ठाक हो गया है। अब इन्हें 702 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। तमाम युवा होमगार्ड विभाग में भर्ती होना चाहते हैं लेकिन भर्ती नहीं खुलने से वह निराश हैं।

उपहार साफ्टवेयर के उपयोग में आने के बाद से होमगार्ड निरंकुश हो गए हैं। पहले उन्हें कार्रवाई का डर रहता था मगर अब ऐसा नहीं है। जब तक उनके खिलाफ कोई लिखित शिकायत नहीं मिलती तब तक कमांडेंट भी कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। होमगार्ड सतेंद्र कुमार शराब पीने का शौकीन है। वह जिस प्वाइंट पर डयूटी करता है, वहीं कुछ न कुछ कारनामा कर ही देता है। इसी के चलते वह सस्पेंड चल रहा है।

उपहार साफ्टवेयर से लगती है ड्यूटी
समय के साथ-साथ होमगार्ड विभाग भी हाईटेक हो गया है। अब होमगार्डों की ड्यूटी मैन्युअली नहीं लगती। इसके लिए उपहार नामक साफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है। इसके तहत ऑटोमैटिक तरीके से ही होमगार्ड की ड्यूटी लग जाती है। इतना ही नहीं इसका मैसेज भी संबंधित होमगार्ड के मोबाइल पर पहुंच जाता है। मैसेज पढ़ने के बाद संबंधित होमगार्ड सीधे ड्यूटी प्वाइंट पर पहुंच जाते हैं।

जिले में पुरुष होमगार्ड होने चाहिए       1600
जिले में महिला होमगार्ड होनी चाहिए   100
मस्टरोल पर दर्ज हैं                           1348
महिला होमगार्ड                                72
इन्हें मिलती है नियमित ड्यूटी              1240
एक दिन का मानदेय+डीए                  702

होमगार्ड कमांडेंट मनोज सिंह बघेल ने बताया कि वर्ष 2008 से विभाग में कोई भर्ती नहीं हुई है। जनपद में 1600 होमगार्ड की जगह 1340 से ही काम चलाया जा रहा है। महिला होमगार्ड भी मात्र 72 ही हैं। सभी की 30 दिन ड्यूटी लगाई जाती है। इसके लिए अब उपहार नामक साफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है।

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