हल्द्वानी: भाई की जान बचाने नदी में कूदा पर दोनों को गंवानी पड़ी जान

हल्द्वानी, अमृत विचार। गौला नदी के आंवला चौकी गेट में दो सगे भाइयों की डूबने से मौत हो गई। गोताखोरों ने दोनों बच्चों के शव को बरामद कर लिया है। जानकारी के मुताबिक दोनों बच्चे तैरना सीखने अपने साथियों संग नदी में गए थे। दो बच्चों की मौत से घर में कोहराम मचा है। गौजाजाली …
हल्द्वानी, अमृत विचार। गौला नदी के आंवला चौकी गेट में दो सगे भाइयों की डूबने से मौत हो गई। गोताखोरों ने दोनों बच्चों के शव को बरामद कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक दोनों बच्चे तैरना सीखने अपने साथियों संग नदी में गए थे। दो बच्चों की मौत से घर में कोहराम मचा है।
गौजाजाली में संतोषी माता मंदिर के पास रहने वाले रामप्रकाश श्रीवास्तव के बेटे रोमेश (15) और रोहन (12) गुरुवार अपराह्र तीन बजे छह-सात साथियों के संग गौला नदी में नहाने निकले थे।
दोनों को तैरना नहीं आता था। सभी बच्चे आंवला चौकी गेट से दो किमी नदी के किनारे बनी एक खंती में चले गए। सभी खंती में नहा और तैर रहे थे। इस बीच रोमेश भी खंती के पानी में किनारे की ओर उतर गया। लेकिन थोड़ी ही देर में वह गहराई की ओर चला गया और डूबने लगा। बड़े भाई को बचाने के लिए रोहन भी खंती में कूद गया। लेकिन वह भी डूबने लगा। दोनों भाइयों को डूबता देखकर उनका एक साथी भी बचाने के लिए गहराई में कूद गया। वह भी पानी में डूबने लगा तो चौथे साथी ने उसे खींच लिया। तब तक दोनों भाई खंती में डूब चुके थे। साथियों ने गांववालों को घटना की जानकारी दी।
इसके बाद शाम 6.45 पर डायल 112 पर पुलिस को घटना की सूचना मिली। सूचना मिलते ही वनभूलपुरा एसओ प्रमोद पाठक और मंडी चौकी प्रभारी दिनेश चंद्र जोशी फोर्स समेत मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने खंती में उतर कर रेस्क्यू शुरू किया। इस बीच पुलिस के गोताखोर मनोज बहुखंडी को भी बुलाया गया।
गोताखोर ने पुलिस कर्मियों और ग्रामीणों की मदद से खंती में तलाश शुरू की। एक घंटा की मशक्कत के बाद दोनों भाइयों को बाहर निकाला गया। पहले छोटे भाई रोहन और इसके 15 मिनट बाद बड़े भाई रोमेश को बाहर निकाला गया। इसके बाद दोनों को 108 से सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया। जहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए। इधर, दो बच्चों की मौत की खबर फैलते ही घर में कोहराम मच गया।
माता-पिता से छिना बच्चों का साथ
हल्द्वानी। मृतक रोमेश और रोहन अपने माता-पिता की दो संतानें थीं। बच्चों की हादसे में मौत के बाद माता-पिता बेऔलाद हो गए हैं। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। घर पर मातम पसरा है। क्षेत्र में शोक की लहर है। रामप्रकाश मेहनत-मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। इस हादसे के बाद माता-पिता से जिंदगी का मकसद और बुढ़ापे का सहारा छिन गया है।
15- 20 फिट गहरी थी खंती
हल्द्वानी। दोनों बच्चे जिस खंती में डूबे, वह 15-20 फिट गहरी थी। नदी के इस किनारे पर पानी रुका हुआ था। खंती को नहाने और तैरने के लिए मुफीद मानकर बच्चे इसमें उतर गए। रोमेश और रोहन को पानी में ठीक से तैरना नहीं आता था। वह भी तैरना सीखने के लिए खंती में उतर गए। लेकिन गहराई में पहले बड़ा भाई डूबा और फिर उसे बचाने की कोशिश में छोटा भाई भी डूब गया।
हादसे के बाद बच्चों के साथी हुए बदहवास
हल्द्वानी। हादसे के बाद बच्चों के संग मौजूद साथी बदहवास हो गए। हादसे ने बच्चों को भयभीत और आतंकित कर दिया था। बच्चों की यह हालत देखकर पुलिस ने उनसे ज्यादा पूछताछ तक नहीं की। पुलिस ने बताया कि नदी में गए सभी बच्चे नाबालिग थे। हादसे में अपने साथियों के डूबने से वे काफी डर गए थे। रातभर यह दुखद हादसा साथी बच्चों को कचोटता रहा।