हल्द्वानी: इस रफ्तार से लगा टीका तो लग जाएंगे दो साल…

हल्द्वानी: इस रफ्तार से लगा टीका तो लग जाएंगे दो साल…

हल्द्वानी, अमृत विचार। जिले में बना टीकाकरण का संकट लोगों पर भारी पड़ सकता है। यहां छह माह में अभी तक केवल 30 प्रतिशत आबादी को ही कोरोना का पहला टीका लग पाया है जबकि केवल 10 प्रतिशत आबादी को ही दोनों टीके लग पाए। टीके की धीमी गति को देखते हुए यह अंदेशा है …

हल्द्वानी, अमृत विचार। जिले में बना टीकाकरण का संकट लोगों पर भारी पड़ सकता है। यहां छह माह में अभी तक केवल 30 प्रतिशत आबादी को ही कोरोना का पहला टीका लग पाया है जबकि केवल 10 प्रतिशत आबादी को ही दोनों टीके लग पाए। टीके की धीमी गति को देखते हुए यह अंदेशा है कि सभी वयस्कों को टीके की पहली डोज लगने में ही डेढ़ साल का समय लग जाएगा।

तीन दिन से जिले में जिले में कोविशील्ड वैक्सीन खत्म है। कोवैक्सीन की डोज बची हैं लेकिन उससे टीकाकरण बंद कर दिया गया है। जिले में किसी भी टीकाकरण केंद्र पर टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। सोमवार को भी टीकाकरण होगा इस पर भी अनिश्चिचतता बनी हुई है। तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है और देश के कुछ राज्यों में कोरोना के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर लॉकडाउन भी लग गया है। अनुमान है कि अगस्त माह तक डेल्टा प्लस वैरिएंट पूरे देश को अपनी चपेट में ले लेगा।

ऐसे में जिले में टीकाकरण की सुस्त चाल चिंता का विषय बन रही है। आंकड़ों की बात करें तो जिले में अभी तक 30 प्रतिशत आबादी को ही कोरोना का पहला टीका मिल पाया है। दोनों टीके लगाने के मामले में स्थिति और भी बुरी है। 10 प्रतिशत आबादी को ही दोनों टीके लग पाए हैं। टीकाकरण शुरू हुए छह माह का समय बीत गया है। लक्षित जनसंख्या की बात करें तो जिले में करीब पांच लाख युवा और तीन लाख 45 साल से ऊपर आयुवर्ग को ही पहला टीका लगना है। बची आबादी की बात करें तो करीब अभी भी जिले में करीब 10 लाख टीकों की और जरूरत है। मौजूदा हाल देखते हुए यह टीकाकरण शीघ्र समाप्त होने वाला नहीं दिख रहा है।

21 जून को आई थी तेजी
21 जून से जिले में टीकाकरण की तेजी आई थी। और एक दिन में करीब 15 हजार लोगों को टीका लगाया जा रहा था। इसके बाद स्थिति फिर से बेकार हो गई और टीकाकरण धीमा हो गया। औसतन हर दस दिनों में 40 से 45 हजार टीके आ पाते हैं और उन्हीं से टीकाकरण कार्यक्रम घसीटा जाता है।

इसलिए होती है देरी
उत्तराखंड में प्रमुख तौर पर कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है। अभी इसका उत्पादन पर्याप्त स्थिति में नहीं है। केंद्र सरकार के कई दावों के बाद भी टीकों का धीमा उत्पादन मुसीबत बन रहा है। यहां से स्वास्थ्य विभाग लगातार टीकों की डिमांड भेजता है। लेकिन टीके न होने की वजह से मामला लटका रहता है।

टीकों की डिमांड भेज दी गई है। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। केंद्र से टीके की उपलब्धता के आधार पर आपूर्ति की जाती है।- डाॅ. अजय शर्मा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, नैनीताल

जिले में अब तक हुआ कोरोना टीकाकरण का विवरण

45 साल से ऊपर के आयु वर्ग को पहला टीका-195921
45 साल से ऊपर के आयु वर्ग को दोनों टीके-75,660
18-45 साल के आयु वर्ग को पहला टीका-191,887
18-45 साल के आयु वर्ग को दोनों टीका-5,154
हेल्थ केयर वर्कस को पहला टीका-14,151
हेल्थ केयर वर्कस को दोनों टीके।10,216
फ्रंट लाइन वर्कस को पहला टीका। 19,833
फ्रंट लाइन वर्कस को दोनों टीके-7,276
अब तक प्रतिदिन लगे औसत टीके-1600
कुल वयस्क आबादी का हुआ टीकाकरण-30 प्रतिशत