बरेली: कोरोना काल शुरू होते ही सूदखोरों ने फैलाया जाल, अब होगी कार्रवाई
बरेली, अमृत विचार। मार्च, 2020 में कोरोना काल शुरू होने के बाद काम धंधा बंद होने पर आर्थिक नुकसान उठाने वाले ऐसे हजारों छोटे कारोबारी और विभिन्न वर्ग के लोग हैं, जिन्होंने बैंक, बीमा की किस्तें देने, संक्रमित होने के साथ अन्य बीमारियों का इलाज कराने के लिए 5, 10 से लेकर 15 प्रतिशत तक …
बरेली, अमृत विचार। मार्च, 2020 में कोरोना काल शुरू होने के बाद काम धंधा बंद होने पर आर्थिक नुकसान उठाने वाले ऐसे हजारों छोटे कारोबारी और विभिन्न वर्ग के लोग हैं, जिन्होंने बैंक, बीमा की किस्तें देने, संक्रमित होने के साथ अन्य बीमारियों का इलाज कराने के लिए 5, 10 से लेकर 15 प्रतिशत तक ब्याज पर अवैध रूप से सूदखोरी का काम करने वाले लोगों से ऋ ण लिया।
असल रकम चुकाने के साथ ब्याज भी दे दिया लेकिन सूदखोरों ने पीछा नहीं छोड़ा। ब्याज पर चक्रवर्ती ब्याज लगाकर पीड़ितों का मानसिक शोषण शुरू कर दिया। इसकी वजह से सूदखोरी से परेशान लोगों के आत्मघाती कदम उठाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। बरेली जनपद में पिछले दो माह में एक दर्जन से अधिक मामले सामने आए, जिनमें कुछ ने जान दे दी तो कुछ ने खुद को नुकसान पहुंचाया है।
अब ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अवैध रूप से सूदखोरी का काम करने वाले असामाजिक तत्वों को चिह्नित कराकर उनके खिलाफ कार्रवाई कराने के लिए उत्तर प्रदेश साहूकारी विनियमन के रजिस्ट्रार/अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) मनोज कुमार पांडेय ने आदेश जारी किए हैं। सभी उप रजिस्ट्रार/एसडीएम और सहायक रजिस्ट्रार/तहसीलदार को आदेश जारी कर कहा है कि कुछ समय से सूदखोरी से त्रस्त होकर जनहानि, आत्महत्या एवं अमानवीय शोषण की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मार्च, 2020 कोरोना काल के प्रारंभ होने से अराजक एवं असामाजिक तत्व लोगों की मजबूरी का लाभ उठाते हुए बिना साहूकारी लाइसेंस प्राप्त किए अवैध रूप से अपनी शर्तों पर साहूकारी का अनियमित रूप से व्यवसाय किया जा रहा है। अतार्किक शर्तों पर पैसा देकर फिर वसूली करने को मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है।
975 लाइसेंसधारी साहूकारों का निरीक्षण करने के निर्देश
साहूकारी विनियमन रजिस्ट्रार मनोज कुमार पांडेय ने सभी उप रजिस्ट्रार/एसडीएम और सहायक रजिस्ट्रार/तहसीलदार को निर्देश देते हुए कहा है कि अपनी-अपनी तहसील क्षेत्र में पड़ने वाले सभी पंजीकृत साहूकारों का निरीक्षण कर लें। उनके द्वारा अधिनियम के तहत कार्य किया जा रहा है या नहीं। यदि कोई पंजीकृत साहूकार किसी असामाजिक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है तो उसके विरुद्ध उप्र साहूकारी विनियमन अधिनियम 1976 में दिए नियमों के तहत कार्रवाई करें। जनपद में बरेली में साहूकारी लाइसेंस लेने वालों की संख्या 1200 से अधिक थी लेकिन पिछले दिनों रजिस्ट्रार ने 230 लाइसेंस निरस्त कर दिए थे। अब 975 के करीब लाइसेंस पंजीकृत हैं लेकिन इनकी जांच अब होगी।
राजस्व कार्मिक व नागरिकों की मदद से चिह्नित करें सूदखोर
अधिकारियों को निर्देश देते हुए रजिस्ट्रार ने कहा कि अपनी-अपनी तहसील क्षेत्र में सूदखोरी का अवैधानिक रूप से व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों के संबंध में अधीनस्थ राजस्व कार्मिकों और संभ्रांत नागरिकों समेत अन्य स्रोतों से सूचनाएं एकत्रित कराएं। उसके बाद असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करें। बिना लाइसेंस लेकर सूदखोरी का कृत्य करने वाले व्यक्तियों को समाज में हतोत्साहित किया जा सके। तहसील स्तर पर यदि सूदखोरी की शिकायतें प्राप्त होती हैं तो इसके लिए शिकायत पंजिका रखवाएं और पंजिका में प्रार्थना पत्र को अंकित कर उसकी जांच कराकर नियमों के तहत कार्रवाई कराएं।