बरेली: बाकरगंज से कूड़ा हटाने के लिए मंगवाई 1.75 करोड़ रुपये की मशीनें
बरेली, अमृत विचार। बाकरगंज डंपिंग ग्राउंड में इकट्ठा हुए करीब चार लाख मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण की राह खुलती दिखाई दे रही है। इसके लिए नगर निगम करीब 1.75 करोड़ रुपये की मशीनें मंगवा रहा है, जो बाकरगंज डलावघर में शेड बनवाकर लगवाई जाएंगी। इन मशीनों की मदद से हर दिन बड़ी मात्रा में …
बरेली, अमृत विचार। बाकरगंज डंपिंग ग्राउंड में इकट्ठा हुए करीब चार लाख मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण की राह खुलती दिखाई दे रही है। इसके लिए नगर निगम करीब 1.75 करोड़ रुपये की मशीनें मंगवा रहा है, जो बाकरगंज डलावघर में शेड बनवाकर लगवाई जाएंगी। इन मशीनों की मदद से हर दिन बड़ी मात्रा में कूड़े का पुनर्चक्र किया जाएगा। बता दें कि नगर निगम के लिए बाकरगंज में कूड़े के ऊंचे पहाड़ों का हटाना लंबे समय से चुनौती बना हुआ है। इससे आसपास रहने वाली हजारों की आबादी को भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
नगर निगम प्रशासन ने पूर्व में एक सर्वे रिपोर्ट तैयार कराई थी। इसके मुताबिक, 8.6 एकड़ भूमि पर बने बाकरगंज डंपिंग ग्राउंड पर करीब चार लाख मीट्रिक टन कूड़ा इकट्ठा हो गया है। शहर क्षेत्र में हर दिन निकलने वाले करीब 450 मीट्रिक टन कूड़ा एक अरसे से यहीं फेंका जा रहा है। इस कूड़े का निस्तारण न हो पाने से नगर निगम के अधिकारी काफी समय से परेशान है।
हालांकि अब यह कोशिश है कि सथरापुर में बन रहे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की करीब 10 एकड़ भूमि पर बाकरगंज के कूड़े के कुछ हिस्से को शिफ्ट कर दिया जाए। हालांकि इस डंपिंग ग्राउंड को लेकर इसे स्थायी समाधान नहीं माना जा रहा है। ऐसे में नगर निगम प्रशासन कूड़ा निस्तारण के लिए मशीनें मंगवा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इन मशीनों से कूड़े का पुनर्चक्र करके उसका निस्तारण होगा। जो कूड़ा दोबारा उत्पादन करने योग्य नहीं है, उसे भी वहां से हटाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
बाकगरगंज के कूड़े को बेचने की कोशिश भी रही नाकामयाब
पूर्व में नगर निगम ने कई बार बाकरगंज कूड़े के निस्तारण की प्रक्रिया की थी। इसमें कई फर्मों से टेंडर भी मांगे गए थे लेकिन ठेका लेने वाली संस्थाओं को यहां कूड़े को अलग-अलग करने और उसमें दोबारा उत्पादन करने वाले यानी रि-साइकिलिंग वाले कूड़े को इकट्ठा करने का काम करना था। पहले इसके एवज में संस्थाओं ने प्रति मीट्रिक टन 592 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खर्च मांगा था।
करीब चार लाख मीट्रिक टन कूड़े को निस्तारित करने वाले खर्च का हिसाब लगाकर नगर निगम प्रशासन ने इसे बहुत ज्यादा बताते हुए हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद यह प्रक्रिया लंबे समय तक ठंडे बस्ते में चली गई। इसके बाद अफसरों ने इसे लेकर हाथ-पैर तो चलाए, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखाई दिया। इस बीच एक और कंपनी इस काम के लिए आगे आई है। इसके लिए प्रति मीट्रिक टन के लिए 239 रुपये का खर्च मांगा गया है। नगर निगम प्रशासन इसके लिए तैयार होता दिखाई दे रहा था। बाद में यह प्रक्रिया भी ठंडी पड़ गई।
बाकरगंज में अब कूड़ा फेंकने की नहीं रही जगह
बाकरगंज में अत्याधिक कूड़ा पड़े होने से वहां कूड़ा एकत्र करने की जमीन नहीं बची है। कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया होने के बाद कूड़ा काफी हद तक सिमट जाएगा। इससे नगर निगम की डंपिंग ग्राउंड की काफी जमीन भी खाली हो जाएगी। इससे व्यवस्था से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि 10 से 15 या उससे भी अधिक पुराने कूड़े में कुछ भी नहीं बचता। इसका काम गड्ढे आदि के पटान के लिए भी नहीं हो पाता है।
काफी समय से किये जा रहे प्रयास
पर्यावरण अभियंता, नगर निगम संजीव प्रधान ने बताया कि बाकरगंज में कूड़ा निस्तारण के प्रयास काफी समय से किए जा रहे हैं। बाकरगंज में ही शेड डालकर करीब 1.75 करोड़ रुपये की मशीनें मंगवाई जा रही हैं। इससे डंपिंग ग्राउंड में कूड़े का निस्तारण हो सकेगा।