बरेली: विद्युत शवदाह गृह के लिए आईं मशीनें, बिजली कनेक्शन के लिए होगा टेंडर

अमृत विचार, बरेली। सिटी श्मशान भूमि में विद्युत शवदाह गृह जल्द शुरू कराने की तैयारी है। कुछ दिन पहले जरूरी मशीनें आ गई हैं। उनकी फिटिंग का काम चल रहा है। विद्युत शवदाह गृह को चलाने के लिए ट्रांसफार्मर और बिजली लाइन का काम होना है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इस काम …
अमृत विचार, बरेली। सिटी श्मशान भूमि में विद्युत शवदाह गृह जल्द शुरू कराने की तैयारी है। कुछ दिन पहले जरूरी मशीनें आ गई हैं। उनकी फिटिंग का काम चल रहा है। विद्युत शवदाह गृह को चलाने के लिए ट्रांसफार्मर और बिजली लाइन का काम होना है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इस काम के पूर्ण होते ही विद्युत शवदाह गृह शुरू हो जाएगा।
सिटी श्मशान भूमि में करीब दो साल पहले सांसद निधि से गैस से संचालित शवदाह गृह तैयार हुआ था। इसका केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने आरंभ किया था। इसके बाद नगर निगम ने 1.23 करोड़ रुपये से विद्युत शवदाह गृह का निर्माण करीब ढाई महीने पहले शुरू कराया था। वर्तमान में इसका 85 प्रतिशत काम भी लगभग पूरा हो चुका है। कुछ दिन पहले मेयर उमेश गौतम ने अधिकारियों से इसे 15 मई तक काम पूरा करने के लिए कहा था।
निगम के निर्माण विभाग के इंजीनियरों का कहना था कि शवदाह गृह के लिए कुछ मशीनें मुंबई से मंगवाई जानी थीं लेकिन लाकडाउन की वजह से यह मशीनें नहीं आ पा रही थीं। कुछ दिन पहले ही यह मशीनें सिटी श्मशान भूमि में पहुंच गईं। इनकी फिटिंग का काम चल रहा है।
अभियंताओं का कहना है कि शवदाह गृह के लिए 200 केवीए क्षमता वाले ट्रांसफार्मर और अलग से बिजली लाइन को खींचने का काम होना है। करीब 25 लाख रुपये के इस काम के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। इंजीनियरों का कहना है कि शवदाह गृह के लिए मशीनों को 100 केवीए बिजली आपूर्ति की जरूरत है लेकिन इसे संचालित करने के लिए कम से कम 200 केवीए के ट्रांसफार्मर को लगाने की जरूरत है। यह काम कराने के लिए अभी करीब एक महीने का वक्त लगने की संभावना है।
दो दिन से एक भी नहीं आए कोरोना संक्रमितों के शव
कुछ दिन पहले तक शहर के मुख्य सिटी श्मशान घाट में जहां कोरोना से मरने वालों के शव काफी संख्या में आ रहे थे। इससे श्मशान में चिता जलाने तक की जगह नहीं थी। अब संक्रमित शवों की संख्या तेजी से कम हुई है। श्मशान के सुपरवाइजर त्रिलोकीनाथ का कहना है कि दो दिन से श्मशान भूमि में कोरोना से मरने वालों के एक भी शव श्मशान में नहीं लाए गए हैं। जबकि पहले हर दिन 15 से 20 तक शव लाए जा रहे थे। अब दिन में 10 से 12 ही सामान्य मृत्यु वाले लोगों के शवों को लाया जा रहा है। इतनी संख्या सामान्य दिनों में भी रहती थी।
विद्युत चलित शवदाह गृह का निर्माण तेजी से सिटी श्मशान भूमि में कराया जा रहा है। बाहर से मशीनें आ चुकी हैं। बिजली कनेक्शन के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। -संजय चौहान, अधिशासी अभियंता, नगर निगम