मुरादाबाद: सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है पोषक आहार
मुरादाबाद,अमृत विचार। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पोषण बहुत जरूरी है। यदि आप सेहतमंद भोजन के जरिए सही मात्रा में पोषक आहार लेते हैं तो ही शरीर को पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त रख पाएंगे। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सभागार में कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों के चिकित्सीय प्रबंधन व मातृत्व स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं …
मुरादाबाद,अमृत विचार। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पोषण बहुत जरूरी है। यदि आप सेहतमंद भोजन के जरिए सही मात्रा में पोषक आहार लेते हैं तो ही शरीर को पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त रख पाएंगे। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सभागार में कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों के चिकित्सीय प्रबंधन व मातृत्व स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं पर प्रशिक्षण का आयोजन हुआ। इसमें बच्चों और मां को कुपोषण से बचाने के बारे में जानकारी दी गई।
यूनिसेफ के मंडलीय समन्वयक रवि प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि हमें भोजन को 60 से 100 के तापमान के बीच पकाना चाहिए, जिससे कि वह पूरा गल सके और हमारे शरीर को पोषण अच्छे से मिल सके। कहा कि हमारे आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों का मिश्रण होना चाहिए, जो सही मात्रा में सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हों। शरीर के पोषण के लिए प्रोटीन एक बहुत आवश्यक पोषक तत्व है, जिसका सेवन हर किसी को करना चाहिए।
शरीर को अच्छे से काम करने के लिए मांसपेशियों के निर्माण तथा कोशिकाओं को बनाने और सुधारने के लिए प्रोटीन अत्यंत जरूरी है। साथ में प्रोटीन हमारे शरीर की ऊर्जा का स्रोत भी है। इसके समृद्ध स्रोत में अंडा, मछली और बीन्स शामिल हैं। यह शरीर को अमीनो एसिड प्रदान करता है। इस अवसर पर ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम), ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) आदि को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान एसीएमओ डा. दीपक वर्मा, डा. डीके प्रेमी, डा. जीएस मर्तोलिया, डीपीएम रघुवीर सिंह, डीसीपीएम चंद्रशेखर, सगीर अहमद आदि मौजूद रहे।
मां कुपोषित तो शिशु पर पड़ता है दुष्प्रभाव
मातृ और शिशु पोषण एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। सीएमओ डा. एमसी गर्ग ने बताया कि यदि मां कुपोषित है तो इसका दुष्प्रभाव मां एवं शिशु दोनों पर पड़ता है। समुदाय स्तर पर गर्भावस्था के दौरान तथा प्रसव के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य पोषण में सुधार लाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इन बच्चों की जांच में उनके वजन और लंबाई का सही से मूल्यांकन करना बहुत जरूरी होता है। इस तरह के सभी बच्चों में बीमारी के लक्षण की जांच होनी चाहिए। ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस के दौरान स्वास्थ्य जांच तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रस्ताव के अंतर्गत समस्त जनपदों में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना चलाई जा रही है।