बरेली: रामभक्तों ने मंदिर के लिए छह दिन में समर्पित किए दो करोड़ रुपये

अमृत विचार, बरेली। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बरेली विभाग ने छह दिन में दो करोड़ रुपए जमा कर लिए हैं। 15 जनवरी से चलाए जा रहे निधि समर्पण अभियान में हर तबके के व्यक्ति ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार निधि समर्पित की है। शहरवासियों के उत्साह को देखते हुए अब इस अभियान …
अमृत विचार, बरेली। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बरेली विभाग ने छह दिन में दो करोड़ रुपए जमा कर लिए हैं। 15 जनवरी से चलाए जा रहे निधि समर्पण अभियान में हर तबके के व्यक्ति ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार निधि समर्पित की है। शहरवासियों के उत्साह को देखते हुए अब इस अभियान को 22 से बढ़ाकर 27 जनवरी तक चलाने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी गुरुवार को स्टेडियम रोड पर हुई एक प्रेस वार्ता में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने दी। उन्होंने बताया कि अभियान को गति देने के लिए महानगर में विभिन्न जगहों पर 114 शिविर लगाए जाएंगे जहां रामभक्त मंदिर निर्माण के लिए राशि दान कर सकते हैं।
स्टेडियम रोड स्थित खुशलोक हॉस्पिटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में विहिप के बरेली-बदायूं विभाग के संगठन मंत्री रामाशंकर कौशिक ने बताया कि अब तक बरेली में लगभग 2 करोड़ 50 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं। इसमें बरेली महानगर, बरेली जिला और आंवला जिला शामिल हैं। बताया कि तीनों जिलों में कुल पांच लाख 30 हजार परिवारों के सापेक्ष तीन लाख से अधिक परिवारों से संपर्क किया गया है। बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया जा चुका है। मंदिर बनने में लगभग साढ़े तीन साल का समय लगेगा।
वहीं, महानगर प्रचार प्रमुख आलोक प्रकाश ने बताया कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए लोग स्वयं ही आगे आ रहे हैं। रोजाना विभिन्न क्षेत्रों से फोन आते हैं। बताया कि सब्जी वाले, फल वाले तक दस रुपए की जगह 100 रुपए स्वेच्छा से दान कर रहे हैं। बच्चों में भी श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साह है। वे भी अपनी गुल्लक तोड़कर धनराशि दान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर प्रत्येक व्यक्ति आकुल व्याकुल और आतुर है। इस अभियान को गति देने के लिए महानगर की प्रत्येक बस्ती में 114 शिविर लगाए जाएंगे जिससे छूटे हुए लोगों को निधि समर्पण का अवसर मिल सकेगा।
विभाग प्रचार प्रमुख डा. विनोद पागरानी ने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ ही इसे विश्व की पारंपरिक एवं सांस्कृतिक पूंजी के रूप में विकसित करने का प्रयास चल रहा है। दानदाताओं के आगे हमारी झोली छोटी पड़ रही है। ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि जब रसीद और कूपनों की कमी पड़ गई। इस मौके पर अभियान प्रमुख अनुराग अग्रवाल, प्रचार प्रमुख आलोक प्रकाश, संगठन मंत्री रामाशंकर कौशिक, अभियान प्रचार प्रमुख डा.विनोद पागरानी, विभाग अध्यक्ष पवन अरोड़ा आदि मौजूद रहे।

गरीब दे रहे, अमीर मांग रहे
निधि समर्पण अभियान से जुड़े शहर के प्रतिष्ठित लोग जहां कंधों पर झोला लटकाकर सुबह से ही समर्पण निधि अभियान के लिए धनराशि एकत्रित करने को निकल रहे हैं तो वहीं, भिखारी भी मंदिर निर्माण को लेकर धनराशि देकर कूपन व रसीद कटवा रहे हैं। विभाग अध्यक्ष पवन अरोड़ा ने बताया कि गोला गोकर्णनाथ निवासी 60 वर्षीय महिला राजेंद्र नगर में भीख मांगकर जीवनयापन करती है। जब रामदूतों की टोली जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए उसके पास से गुजरी तो उसने उस टोली को रोक लिया। जब उस वृद्धा को अभियान के बारे में मालूम हुआ तो उसने सुबह से भीख में मिली धनराशि में से 15 रुपए श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दान में दे दिए।
कूपनों की दूसरी खेप आई, नहीं होगी कमी
अभियान के दौरान कूपन और रसीदों की इतनी कमी पड़ी कि वह खत्म हो गई। इसकी वजह से अभियान में भी रुकावट आ गई लेकिन अब कूपनों और रसीदों की दूसरी खेप आ चुकी है। अब अभियान के लिए कूपन और रसीदों की कमी नहीं पड़ेगी।
आरटीजीएस से धनराशि देने के बाद भी दे रहे दान
संगठन मंत्री रामाशंकर कौशिक ने बताया कि रामदूतों को ऐसे भी कई लोग मिले जिन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से दे दी लेकिन रामदूतों के घर पहुंचने पर फिर से उन्होंने उन्हें मंदिर निर्माण के लिए दोबारा धनराशि दी।