अयोध्या: राम नगरी के अन्य मठ मंदिरों की तरह ही राम जन्मभूमि पर हो दर्शन पूजन की व्यवस्था

अयोध्या। सुप्रीम फैसले के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मभूमि विवादों से अलग हो गई है। हालांकि अभी भी राम जन्म भूमि स्थित मंदिर की व्यवस्था राम नगरी के अन्य मत मंदिरों की तरह सुलभ और सुचारू नहीं हो पाई है। विवाद का पटाक्षेप होने के बावजूद भी अभी सीमित समय में ही श्रद्धालुओं …
अयोध्या। सुप्रीम फैसले के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मभूमि विवादों से अलग हो गई है। हालांकि अभी भी राम जन्म भूमि स्थित मंदिर की व्यवस्था राम नगरी के अन्य मत मंदिरों की तरह सुलभ और सुचारू नहीं हो पाई है। विवाद का पटाक्षेप होने के बावजूद भी अभी सीमित समय में ही श्रद्धालुओं को दर्शन मिल पा रहा है। रामा दल प्रधानमंत्री और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पत्र भेजकर विराजमान रामलला के मंदिर में राम नगरी के अन्य मठ मंदिरों की तरह सुलभ दर्शन उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
भगवान राम की जन्मभूमि स्थित मंदिर सैकड़ों वर्षो से विवाद के दायरे में रहा है। जिसके चलते समय-समय पर यहां दर्शन पूजन के लिए प्रशासनिक तंत्र की सुविधा अनुसार दर्शन पूजन की व्यवस्था चलती रही। कभी गर्भ गृह में प्रवेश वर्जित रहा तो कभी संतो और श्रद्धालुओं को राम चबूतरे पर ही भजन कीर्तन की अनुमति रही। कभी प्राकट्योत्सव का कार्यक्रम परिसर स्थित विराजमान रामलला के मंदिर परिसर में हुआ तो कभी वहां क्लास ले जाने पर रोक लगाई गई तो कभी सीमित तादात में ही लोगों को कलर्स के साथ परिसर जाने दिया गया।
विवाद और आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा पाबंदियां इतनी जटिल हो गई थी कि दर्शन के लिए एक निश्चित अवधि तय कर दी गई थी। विराजमान रामलला और उनके भाइयों के विग्रह के नजदीक जाने की मनाही थी।
सुप्रीम फैसले के बाद विवाद का पटाक्षेप हो चुका है और राम मंदिर के निर्माण और इसके देखरेख की व्यवस्था अदालत के आदेश पर केंद्र सरकार की ओर से गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हाथों में है। मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट ने भगवान राम और भाइयों के विग्रह को परिसर में ही एक अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कराया है।
बावजूद इसके अभी भी एक निश्चित अवधि में ही दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जबकि राम नगरी के मठ मंदिर देर शाम तक श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं। रामा दल ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्कि राम ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर दर्शन अवध बढ़ाए जाने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि शाम को राम नगरी आने वाले श्रद्धालु विराजमान रामलला के दर्शन से वंचित हो जाते हैं। ऐसे में राम नगरी के अन्य मठ मंदिरों की तरह कम से कम देर शाम 8:00 बजे तक दर्शन अवधि को बढ़ाया जाए।