Kanpur: अभिभावक लुट गए, अब जागा शिक्षा विभाग, स्कूल कर चुके मनमानी, नया सत्र भी हो गया शुरू

कानपुर, अमृत विचार। नया सत्र शुरू हो जाने, हर क्लास में एडमिशन फीस वसूल लेने, स्कूलों की बताई गई दुकानों से स्टेशनरी लेने की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद शिक्षा विभाग गहरी नींद से जागा है। विभाग अब आदेश दे रहा है कि पहली बार एडमिशन पर ही स्कूल प्रवेश शुल्क ले सकेंगे। पास होने के बाद नई क्लास में जाने पर प्रवेश शुल्क नहीं ले सकेंगे। लेकिन सारी मनमानी तो स्कूल वाले कर चुके हैं, ऐसे में क्या अब लुटे अभिभावकों को स्कूलों से पैसा वापस दिलाया जाएगा?
शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को जारी आदेश में उप्र स्ववित्तपोषित स्वतंत्र (शुल्क निर्धारण) अध्यादेश 2018 में विद्यालयों में ली जाने वाली फीस एव जूते-मोजे, कॉपी-किताब के विषय में बताया गया है। जारी आदेश बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा परिषद, सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी और आईजीसीएसई बोर्ड से सभी स्ववित्तपोषित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट कॉलेजों पर लागू होगा। शिक्षा अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों की ओर से परीक्षा शुल्क केवल परीक्षाओं के लिए ही लिया जायेगा।
फीस में परिवहन फीस, बोर्डिंग फीस, मेस या डाइनिंग फीस शैक्षिक भ्रमण फीस ही शामिल होगी। विद्यालय में प्रवेश के समय लिया गया प्रवेश शुल्क छात्र/छात्रा के विद्यालय छोड़ने के समय वापस किया जायेगा। हर विद्यालय शैक्षिक सत्र प्रारम्भ होने के पूर्व सक्षम अधिकारी को आगामी शैक्षिक वर्ष ली जाने वाली फीस का विवरण प्रेषित करेगा। विद्यालय शैक्षिक सत्र में छात्र-छात्राओं के प्रवेश प्रारम्भ होने के साठ दिन पूर्व अपनी बेवसाइट पर फीस का विवरण अपलोड करेगें एव सूचना पट्ट पर प्रकाशित करेंगे। नियम में विद्यालय द्वारा निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त अन्य शुल्क नही लिए जाने का प्रावधान है। विद्यालय द्वारा किसी छात्र-छात्रा को पुस्तकें, जूते, मोजे व यूनीफार्म आदि किसी विशेष दुकान से क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। विद्यालय द्वारा निर्धारित यूनिफार्म को पांच वर्ष के अन्तर्गत परिवर्तन नहीं किया जायेगा।