Bareilly: दो दिलों में खटास पैदा कर रहा HIV, कई लोगों के शादी से पहले ही टूट गए रिश्ते

Bareilly: दो दिलों में खटास पैदा कर रहा HIV, कई लोगों के शादी से पहले ही टूट गए रिश्ते

अंकित चौहान, बरेली। घर में शादी की शहनाई बजने की तैयारी के बीच पता लगे कि वर या वधु जानलेवा संक्रमण एचआईवी से ग्रसित हैं तो दुख का पहाड़ टूट पड़ना स्वाभाविक है। रिश्ते तो टूटते ही हैं, भरोसे का भी कत्ल होता है। दो साल में जिला महिला अस्पताल स्थित प्रिवेंशन ऑफ पेरेंट्स टू चाइल्ड ट्रांसमिशन सेंटर (पीपीसीटीसी) पर शादी से पहले युवा जांच कराने पहुंचे रहे हैं। एचआईवी संक्रमण निकलने पर कई रिश्ते टूट गए।

वर्ष 2024 में पीपीसीटीसी ऐसे तीन मामले पहुंचे। शादी के चंद माह पूर्व शरीर में कुछ लक्षण दिखने पर जांच कराई तो पता चला कि वह एचआईवी संक्रमित है। परिवार को बताया तो वे सन्न रह गए। इसके बाद शादी टूट गई। एक मामला ऐसा भी सामने आया जिसमें एचआईवी संक्रमण छुपाकर शादी कर ली। बाद में संक्रमण का खुलासा हुआ तो रिश्ता टूट गया।

केस-1: एक माह पूर्व चला पता, शादी से कर दिया इंकार
पीपीसीटीसी में 2024 के फरवरी माह में बहेड़ी की युवती पहुंची। उसको यौन संबंधी दिक्कत थी। काउंसिलिंग के दौरान उसने बताया कि अगले माह यानि अप्रैल में उसकी शादी है। इससे पूर्व एचआईवी जांच कराना चाहती है। युवती की जांच हुई तो वह एचआईवी संक्रमित निकली। युवती ने फौरन परिजनों को बताया और शादी करने से इंकार कर दिया।

केस-2: पार्टनर ने बताया संक्रमित हूं, तो शादी को कहा न
पिछले साल जून में जिला अस्पताल स्थित एआरटी केंद्र पर एक युवती पहुंची। उसने काउंसलर को बताया कि वह लव मैरिज कर रही है। दो माह में उसकी शादी है लेकिन पार्टनर जांच में एचआईवी संक्रमित निकला है, ऐसे में शादी करना ठीक रहेगा। काउंसलर ने उसे रोकथाम और बचाव के प्रति जागरूक किया लेकिन कुछ माह बाद जब युवती से गाइडलाइन के अनुपालन में फॉलोअप लिया गया तो पता चला कि उसने शादी करने से इंकार कर दिया।

केस-3: रिश्ता टूटने के डर से नहीं बताई बीमारी
मार्च 2024 में शहर निवासी एक महिला की शादी के कुछ समय बाद पति की मौत हो गई। महिला की तबीयत बिगड़ी तो उसने पीपीसीटीसी केंद्र पर जांच कराई। वह एचआईवी संक्रमित पाई गई। महिला की उम्र कम थी। परिजनों ने दूसरी शादी कराने का निर्णय लिया। महिला ने एचआईवी संक्रमित होने की बात परिजनों से छिपाई और दूसरी शादी कर ली। रिश्ता टूटने के डर से ये बात पति को भी नहीं बताई। अब पति भी एचआईवी से ग्रसित है। दोनों का इलाज केंद्र पर चल रहा है।

हर साल मंडल में बढ़ रहा मरीजों की आंकड़ा
वर्ष 2012 में जिला अस्पताल में शासन के आदेश पर एआरटी ( एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर) स्थापित किया गया था। जहां मंडल भर के मरीजों की काउंसिलिंग की जाती है। साथ ही सर्विलांस कर उन्हें इलाज उपलब्ध कराया जाता है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार साल दर साल एचआईवी ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इनमें 256 मरीज ऐसे हैं जो कि नशे के लिए संक्रमित सुई का इस्तेमाल करने से एचआईवी संक्रमित हुए हैं।

आंकड़ों पर नजर-
वर्ष एचआईवी मरीजों की संख्या
2019  584
2020  385
2021  418
2022  536
2023  602
2024  706
एआरटी से मिली रिपोर्ट के अनुसार 

 

जिस प्रकार शादी से पहले दोनों पक्ष एक दूसरे के हालातों के बारे में छानबीन करते हैं, इससे अधिक जरूरी ये है कि दोनों पक्ष रिश्ते में बंधने से पहले एचआईवी जांच अवश्य कराएं। इससे दो जिंदगियों को गंभीर संक्रमण से बचाया जा सकता है- मनोज वर्मा, एआरटी सेंटर, जिला अस्पताल।