मुरादाबाद : नीली-लाल बत्ती लगी कार से लोगों पर रौब झाड़ता था कुलदीप, पत्नी की हत्या में जा चुका है जेल

पुलिस ने कब्जे में ली आरोपी की बत्ती व हूटर लगी कार

मुरादाबाद : नीली-लाल बत्ती लगी कार से लोगों पर रौब झाड़ता था कुलदीप, पत्नी की हत्या में जा चुका है जेल

मुरादाबाद,अमृत विचार। फर्जी विजिलेंस अधिकारी कुलदीप शर्मा के पास से लग्जरी कार बरामद हुई। उसमें नीली-लाल बत्ती और हूटर लगा हुआ है। इसी गाड़ी से वह चलता था और लोगों पर रौब झाड़ता था। सोनकपुर स्टेडियम में भी वह इसी कार से पहुंचा था। वहां पर उसने कोच सोहेल से मुलाकात की थी। बातचीत करने के बाद सुहेल इसी नीली-लाल बत्ती की कार से बिजनौर गए थे। सीसीटीवी फुटेज में इस बात का खुलासा हुआ है। पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज मौजूद भी हैं।

अभिलेखों में हेराफेरी कर बना फर्जी विजिलेंस अधिकारी
सिविल लाइंस पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया कुलदीप शातिर दिमाग है। उसने अभिलेखों में हेराफेरी करके अपना आईडी कार्ड बनवाया। आधार कार्ड पर भी उसने पुलिस की वर्दी पहने हुए वाला फोटो अपलोड किया है। जिससे लोगों को उस पर कोई शक न हो सके। थाना सिविल लाइंस प्रभारी निरीक्षक मनीष सक्सेना ने बताया कि फर्जी विजिलेंस अधिकारी की आईडी में उसने अपना नाम कुलदीप की जगह दिव्य प्रकाश शुक्ला दर्शाया है। शुरुआत में वह पुलिस को भी गुमराह करता रहा। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने विस्तार से पुलिस को जानकारी दी।

अलीगढ़, मेरठ, आगरा, कानपुर में भी लोगों से वसूली मोटी रकम
पकड़े गए फर्जी विजिलेंस अफसर के आईडी कार्ड पर केंद्रीय सतर्कता आयोग लिखा हुआ है। उसने पुलिस को बताया कि वह प्रापर्टी विवाद के मामले तलाश करता रहता है। इसमें अपने फर्जी पद का दुरुपयोग कर समझौता कराने का काम करता है। इसके बाद दोनों पक्षों से मोटी रकम भी वसूल करता है। लंबे समय से वह इस प्रकार लोगों से रकम वसूलने का काम कर रहा है। एक अनुमान के मुताबिक तीन दर्जन से अधिक लोगों से वह मोटी रकम वसूल चुका है। इसमें आधा दर्जन मामले मुरादाबाद के ही हैं। इसके अलावा अलीगढ़, मेरठ, आगरा, कानपुर में भी उसने लोगों से मोटी रकम वसूल की है।

पत्नी की हत्या में जा चुका है जेल
पूछताछ में कुलदीप शर्मा ने खुलासा किया कि वह पहले आरएफसी विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात था। पत्नी की हत्या के मामले में उसे जेल जाना पड़ा था। इसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया था। कुछ दिनों तक वह अवसाद में रहा। इसके बाद उसने फर्जी विजिलेंस अफसर बनकर लोगों से मोटी रकम वसूलना शुरू किया। उसने पुलिस को बताया कि उसके पूरे यूपी ही नहीं दिल्ली, उत्तराखंड के अलावा पंजाब में भी एजेंट बने हुए हैं। वह लोग उसे प्रापर्टी विवाद के बड़े मामले उस तक पहुंचाते हैं। बदले में वह दो से तीन प्रतिशत की रकम एजेंटों को भी देता है।

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