लेबर रूम में ताला, पल्लेदारों का पेड़ रखवाला; कानपुर के कोपरगंज का CPC रेलवे गोदाम दुर्दशा का शिकार...
गोदाम के अंदर बिछे खराब स्लीपरों की निकली सरिया ट्रकों के लिए मुसीबत

कानपुर, (जमीर सिद्दीकी)। कोपरगंज स्थित सीपीसी रेलवे गोदाम से प्रत्येक माह करोड़ों का राजस्व रेलवे को प्राप्त होता है लेकिन गोदाम में व्यापारियों से लेकर पल्लेदारों तक के लिए कोई सुविधा नहीं है। गोदाम में लेबर रूम एक साल पहले तैयार हुआ है लेकिन उसमें ताला लगा रहता है। पल्लेदार धूप में पेड़ के नीचे बैठते हैं। गोदाम में प्रति रैक लगभग 50 लाख रुपये का राजस्व रेलवे को आता है।
सोमवार को अमृत विचार की टीम ने सीपीसी रेलवे गोदाम की अव्यवस्था देखी। गोदाम में लगभग 2000 पल्लेदार एवं लेबर हैं। हर दिन कोई न कोई रैक आती है और एक रैक से माल उतारने के लिए 200 से अधिक पल्लेदार और लेबर की जरूरत होती है। किसी रैक पर माल लादने के लिए भी इतने ही पल्लेदार और लेबर की जरूरत होती है।
ये पल्लेदार गेट नंबर 2 के पास एक पेड़ के नीचे बैठकर आराम करते हैं। पास में कुछ बेंच, टिन शेड के नीचे बिछी हैं लेकिन पंखा तक नहीं है जिससे गर्मी के कारण यहां लेबर नहीं बैठते। गोदाम के गेट नंबर 2 के पास गंदा पानी भरा है और नालियों की महीनों से सफाई नहीं हुई है। गोदाम के अंदर आवारा जानवर घूमते रहते हैं।
गोदाम से रेलवे की आमदनी देखें
प्रति रैक भाड़ा लगभग 50 लाख रुपये
सीमेंट की रैक प्रति माह लगभग 40
नमक की रैक प्रति माह लगभग 06
खाद की रैक प्रति माह लगभग 10
चावल की रैक प्रति माह लगभग 02
गेंहू की रैक प्रति माह लगभग 02
प्याज की रैक प्रति माह लगभग 01
सोडा की रैक प्रति माह लगभग 01
गोदाम के गेट से ही खराब स्लीपर अंदर तक बिछा दिए हैं। इन स्लीपर में कई स्थानों पर सरिया निकली हुई हैं। सरिया पर ट्रक का पहिया पड़ते ही टायर फट रहे हैं। गड्ढे होने के कारण रात के अंधेरे में ये सरिया दिखाई नहीं देती हैं।- संजीव कुमार
सीपीसी गोदाम में कूड़ा, गंदा जलभराव रहता है। यहां कूड़ा या कीचड़ को कहीं फेंकते नहीं है बल्कि वहीं गोदाम के अंदर ही कूड़े को इधर से उठाकर उधर रखते रहते हैं जबकि कूड़ा उठाने का टेंडर बहुत पहले हो चुका है।- नरेंद्र गुप्ता
देश का जाना माना सीपीसी रेलवे गोदाम है लेकिन गोदाम में पल्लेदारों और व्यापारियों के लिए कोई प्रसाधन नहीं है। यदि कोई खुले में शौच के लिए जाता है तो आरपीएफ वाले पकड़ लेते हैं और फिर दूसरी दिक्कत खड़ी हो जाती है।- दिनेश कुमार चौबे
सबसे ज्यादा पानी की समस्या है। टंकी का पानी पीने योग्य है या नहीं, कुछ नहीं कहा जा सकता है। कहीं कहीं हैंडपंप लगे हैं जो खराब हैं। रात में बत्ती भी नहीं रहती है जिससे माल उतारने एवं माल लादने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।- धर्मराज
रेलवे गोदाम में लगभग 2000 लेबर, पल्लेदार हैं। लेबर रूम बनाया गया है लेकिन इसमें ताला लगा है। खराब स्लीपर को भी सही तरीके से नहीं बिछाया है जिससे जगह जगह स्लीपर उठे हुए हैं और वाहनों के पटे टूट रहे हैं।- किशन लाल
नलों में कभी पानी आता है तो कभी गायब हो जाता है। अभी ये हाल है, गर्मी में क्या होगा। कई जगह हैंडपंप लगे हैं लेकिन इनमें ज्यादातर खराब हैं।-नरेश
सीपीसी रेलवे गोदाम में जो भी समस्याएं हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। पल्लेदार, लेबर या व्यापारियों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।- शशिकांत त्रिपाठी, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर मध्य जोन
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