Harsha Richhariya Sadhvi: जानें कौन हैं महाकुंभ की 'वायरल साध्वी' हर्षा रिछारिया? क्यों हो रहीं सोशल मीडिया पर ट्रोल
प्रयागराज: प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है। महाकुंभ के दौरान पहले दिन शाही स्नान और दूसरे दिन पर्व मकर संक्रांति पर तमाम साधु-संतों और देश-विदेश के करोड़ों लोगों ने अमृत स्नान किया। इस बीच महाकुंभ के शुरू होते ही साध्वी हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इनका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
महाकुंभ में शामिल होने के लिए हर्षा रिछारिया रथ पर सवार होकर पहुंचीं थी। इस दौरान वह माथे पर तिलक और फूलों की माला पहनी नजर आईं थीं। उन्हें महाकुंभ की ‘सबसे सुंदर साध्वी’ भी कहा जा रहा है। इतना ही नहीं कुछ लोग उन्हें सोशल मीडिया पर इसको लेकर ट्रोल भी कर रहे है। बता दें कि हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और एंकर भी रह चुकी हैं।
दरअसल, हर्षा ने 16 साल की उम्र में अपनी पारिवारिक हालात को देखते हुए काम करना शुरू किया था। छोटे-मोटे विज्ञापन के जरिये अपने करियर में आगे बढ़ती रही। इसके बाद उन्हें एंकर के रोल में काम मिलने लगा और फिर वो सोशल मीडिया स्टार के रूप में भी उभर कर सामने आईं। खबरों की माने तो हर्षा ने दो साल पहले ही एक साध्वी का जीवन जीने का फैसला किया था। उन्होंने महाकुंभ में एक इंटरव्यू में भी कहा था की उन्होंने सुकून और आत्मा शांति के लिए अध्यात्म का मार्ग अपनाया, वह इस यात्रा से खुद को बेहतर महसूस करती है।
28 साल की उम्र में क्यों बनीं साध्वी
— Amrit Vichar (@AmritVichar) January 14, 2025
सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही साध्वी हर्षा रिछारिया #harsharichhariya | #mahakumbha2025 pic.twitter.com/tGAHMBtKSI
सोशल मीडिया पर हर्षा के कई पुराने वीडियोज शेयर किए जा रहे हैं। एक वीडियो में हर्षा अपने मनचाहे प्यार को वश में करने का मंत्र बता रही हैं। इस वीडियो के वायरल होते ही वह सोशल मीडिया ट्रोल हो गईं और चर्चा का विषय बन गईं। इस वीडियो पर कई यूजर्स ने नाराजगी जताते हुए सवाल उठाए। कई ने इस तरह की सलाह को अनुचित बताया और कमेंट सेक्शन में नाराजगी जताई।
जानिए कौन हैं हर्षा के गुरु?
उत्तराखंड की रहने वाली हर्षा रिछारिया अभी पूर्णरूप से साध्वी नहीं बनी हैं। हर्षा रिछारिया के गुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज हैं और वे निरंजनी अखाड़ा से जुड़ी हुई हैं। उनका कहना है कि वे अभी साध्वी बनने के मार्ग पर चल रही हैं और उन्हें अभी उनके गुरु देव से दीक्षा नहीं मिली है।
बता दें कि गुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर और एक महान तपस्वी संत हैं, जो अपने तप और विद्वता के माध्यम से देश-दुनिया में जाने जाते हैं। उन्होंने लाखों नागा साधुओं और हजारों महामंडलेश्वर की दीक्षा प्रदान की है।
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