संभल: 1978 के दंगे में 40 हिंदू परिवारों ने किया था पलायन, प्राचीन मंदिर पर लटक गया था ताला
जहां आज सौ प्रतिशत मुस्लिम आबादी वहां बसे थे 40 हिंदू परिवार
भीष्म सिंह देवल/संभल। संभल के खग्गू सराय में जिस जगह प्रशासन ने 46 साल से बंद पड़े मंदिर का ताला खुलवाया वहां सौ प्रतिशत मुस्लिम आबादी है और एक भी हिंदू परिवार नहीं रहता। यह आज के हालात हैं, लेकिन 46 साल पहले हालात दूसरे थे। यहां 40 हिंदू परिवार रहते थे और सुबह शाम मंदिर की आरती की आवाज दूर तक सुनाई देती थी। हिंदू परिवारों की शादी और संतान प्राप्ति पर उसी प्राचीन कुएं का पूजन होता था जिसे अब पाट दिया गया है।
शनिवार दोपहर को जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया व पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने खग्गू सराय में 46 साल से बंद पड़े मंदिर का ताला खुलवाया तो संभल शहर ही नहीं बल्कि पूरे जनपद में यह बात फैली। चर्चा शुरु हुई कि आखिर यह कौन सा मंदिर है जो 46 साल से बंद था। लोग यह भी जानना चाहते थे कि आखिर मुस्लिम आबादी में मंदिर किसने बनवाया और इस पर ताला क्यूं लटका था। इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए लोग खग्गू सराय उस जगह पहुंचने शुरु हुए जहां प्रशासन ने मंदिर का ताला खुलवाने के बाद बंद कुंए को खुलवाने का काम शुरु कराया था।
मंदिर को देखने के लिए कुछ ऐसे लोग भी पहुंचे जिन्होंने इस मंदिर में 46 साल पहले न जाने कितनी बार पूजा अर्चना की थी,या यूं कहें कि उनकी दिनचर्या इस मंदिर में पूजा आरती के बाद ही शुरु होती थी। पता चला कि मंदिर के आसपास 40 हिंदू परिवार रहते थे जो 1978 के साम्प्रदायिक दंगे में इस इलाके से पलायन करने को मजबूर हुए। इनमें से कुछ लोगों ने मौहल्ला ठेर,कुछ ने मौहल्ला कोट पूर्वी और दुर्गा कालौनी में मकान बनाये जबकि कुछ संभल छोड़कर मुरादाबाद व दूसरे शहरों में चले गये।
मंदिर और अपने घर देख भावुक हो गए पलायन कर गये लोग
संभल, अमृत विचार: खग्गू सराय के बंद मंदिर का ताला प्रशासन द्वारा खुलवाये जाने की जानकारी मिलने के बाद 82 साल के विष्णु सरन रस्तौगी खुद को रोक नहीं पाये और चलकर खग्गू सराय पहुंच गये। पहली नजर में मंदिर को देखा तो फिर अपने मकान को देखा जिसमें अब मुस्लिम परिवार रहते हैं। विष्णु सरन रस्तौगी भावुक हो गये और कुछ देर खामौश यूं ही खड़े रहे।
अमृत विचार से बातचीत में विष्णु सरन रस्तौगी ने मंदिर और इस मौहल्ले से अपने जुड़़ाव को लेकर वह सब कुछ बताया तो यहां रहने वाले परिवारों पर गुजरा था। विष्णु सरन रस्तौगी ने बताया कि यहां रस्तौगी समाज के 40 परिवार रहते थे। न जाने कितनी पीढ़ियों से उनके पुरखे यहां रहते चले आये थे।
बचपन की यादें ताजा करते हुए विष्णु सरन रस्तौगी ने बताया कि जो कुंआ पाट दिया गया है उसका पानी उन्होंने और यहां रहने वाले न जाने कितने लोगों ने पिया था। जिस प्राचीन मंदिर का ताला प्रशासन ने खुलवाया उसमें हनुमान जी व शिव परिवार की प्रतिमाएं हैं। पूर्वज इस मंदिर को अपनी कुल देवी का मंदिर मानकर यहां पूजा अर्चना करते थे। रोजाना सुबह-शाम मंदिर में पूजन व आरती के कार्यक्रम होते थे। उनके मौहल्ले के नजदीक मुस्लिम समुदाय की आबादी तेजी से बढ़ रही थी लेकिन वह बेखौफ होकर यहां रहते थे।
इसके बाद 1978 में संभल में बड़ा साम्प्रदायिक दंगा हुआ तो यह क्षेत्र भी प्रभावित हुआ। पास ही मुरारी लाल की फड़ में समुदाय के कई लोगों की हत्याएं हुई,बाजार में दुकानें जला दी गईं। हमारे घर के पास ही एक गोदाम में आग लगाई गई। इसके बाद जो हालात बने उससे हिम्मत टूट गई और फिर रस्तौगी परिवार यहां से पलायन कर चले गये।
मंदिर का ताला खुला देख खिले चेहरे
संभल। खग्गू सराय में बंद पड़े मंदिर का ताला खुलने की जानकारी मिलने के बाद कभी इस इलाके में रहने वाले तमाम हिंदू पहुंचे। मंदिर का ताला खुला देख उनके चेहरे पर खुशी साफ नजर आई। मौहल्ला ठेर निवासी सर्राफा कारोबारी प्रताप वर्मा भी खग्गू सराय पहुंचे। प्रताप वर्मा ने अपना वह पुश्तैनी मकान भी दिखाया जिसे उन्होंने मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को बेच दिया था। प्रताप वर्मा ने कहा कि यहां से जुड़ी तमाम यादें हैं।
मुस्लिम बोले- हम तो अब भी इन हिंदू परिवारों को मानते हैं परिवार जैसा
संभल। प्रशासन ने 46 साल से बंद पड़े मंदिर का ताला खुलवाया तो मंदिर के आसपास रहने वाले मुस्लिम परिवारों ने कहा कि जो हिंदू परिवार यहां रहते थे उनसे हमेशा अच्छे संबंध रहे। मौहम्मद शुएब ने कहा कि हमारे परिवार ने भी हिंदू समुदाय के एक परिवार का मकान खरीदा था जिसमें अब वह रहते हैं। जिनसे मकान खरीदा उनसे आज भी परिवार जैसे संबंध हैं। आना जाना भी रहता है। ऐसी ही बात कई दूसरे परिवारों ने भी कही। सबसे आखिर में मकान बेचकर गये मोहन रस्तौगी से पूछा बताओ भाई,हमसे कभी कोई परेशानी तो नहीं हुई।
प्रशासन ने तुड़वाया अवैध निर्माण
संभल। खग्गू सराय में प्राचीन मंदिर के मुख्य दरवाजे के बाहर दो फिट की जगह छोड़कर वहां दीवार बनाकर ऊपर लिंटर डाल दिया गया था। शनिवार रात को प्रशासन ने उस छज्जे को तुड़वाने का काम शुरु कराया। अधिकारियों का कहना है कि मंदिर तो तभी नजर आयेगा जब उसके बाहर किया गया अवैध निर्माण हट जायेगा।
मंदिर की सुरक्षा को लगाये जा रहे सीसीटीवी कैमरे
संभल। खग्गू सराय में मंदिर का ताला खुलवाने के बाद प्रशासन ने मंदिर की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता प्रबंध किये हैं। मंदिर के आसपास पुलिस बल की तैनाती के साथ ही वहां सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाने का काम किया जा रहा है। शनिवार को दोपहर से देर शाम तक सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम चलता रहा।
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