कासगंज : मोहिनी हत्याकांड...आरोपी अधिवक्ताओं ने मांगी चार्जशीट की प्रतिलिपि, अभियोजन ने किया विरोध

काफी देर तक होती रही बहस, देर शाम नहीं निकला कोई नतीजा

कासगंज : मोहिनी हत्याकांड...आरोपी अधिवक्ताओं ने मांगी चार्जशीट की प्रतिलिपि, अभियोजन ने किया विरोध

कासगंज, अमृत विचार। महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर के हत्या कांड में अब चार्जशीट बहस में उलझ कर रह गई है। पिछली तारीख पर चार्जशीट स्वीकार नहीं की गई। सोमवार को इस मामले में आरोपी अधिवक्ता न्यायालय में पेश हुए और चार्जशीट की प्रतिलिपि मांगी। अभियोजन पक्ष ने विरोध किया। आखिरकार चार्जशीट नहीं मिल सकी और देर शाम तक कोई आदेश भी जारी नहीं हो सका। ऐसे में माना जा रहा है कि अब न्यायालय के अग्रिम आदेश के बाद ही न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

उम्मीद थी कि तीन सितंबर को न्यायालय के मुख्य द्वार से महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर रहस्मय ढंग से लापता हो गईं थी। चार सितंबर को उनका शव गोरहा के नहर के रजपुरा माइनर में मिला। महिला अधिवक्ता के पति विजेंद्र तोमर की तहरीर के आधार पर अधिवक्ता मुनाजिर रफी, असद अहमद, मुस्तफा कामिल के अलावा दो अन्य अधिवक्ताओं के खिलाफ एफआईआर की गई। इन सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद मामले में नया मोड़ आया। पुलिस ने एक महिला व एक पुरूष को गिरफ्तार किया तो पता लगा कि सुनील फौजी और रजत सोलंकी नाम के दो आरोपी जो फरार हैँ वे सुपारी किलर हैं। इन पर पुलिस ने 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया। अब बीती चार दिसंबर को पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। लेकिन न्यायालय ने चार्जशीट स्वीकार न कर एसपी को नोटिस जारी करते हुए कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि न्यायालय के कहने के बाद भी विवेचना क्यों नहीं बदली गई। जो भी हो मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। अब सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में हुई। यहां न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुना। आरोपी अधिवक्ता का पक्ष चार्जशीट की प्रतिलिपि मांग रहा था, जबकि अभियोजन ने इसका विरोध किया। तर्क रखा कि इस तरह सीधे चार्जशीट देना न्याय संगत नहीं है। काफी देर तक बहस के बाद न्यायालय ने कोई आदेश जारी नहीं किया। सबकी निगाहें न्यायालय के आदेश पर टिकी रहीं। अब अग्रिम आदेश का इंतजार किया जा रहा है।

17 को फिर होगी सुनवाई
मामले में 17 दिसंबर को फिर सुनवाई होनी है। न्यायालय ने तिथि निर्धारित करती है। देखना है कि अग्रिम तिथि पर आदेश आएगा या फिर उससे पहले ही आदेश आ जाएगा।

न्यायालय ने अभी कोई आदेश जारी नहीं किया है। इससे अभी तक तो यही कहा जाएगा कि चार्जशीट स्वीकार नहीं है। वैसे यह भी माना जा रहा है कि न्यायालय ने पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट विचारोपरांत सही मानी है। -संजीव कुमार यदुवंशी, जिला शासकीय अधिवक्ता।