प्रधानमंत्री मोदी ने तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को राष्ट्र को किया समर्पित
चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां तीन नए आपराधिक कानूनों के सफल क्रियान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया। ये कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम - एक जुलाई को लागू हुए और इन्होंने ब्रिटिश काल के क्रमशः भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली। चंडीगढ़ देश की पहली प्रशासनिक इकाई बन गई है, जहां तीनों कानूनों का 100 प्रतिशत क्रियान्वयन किया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चंडीगढ़ में इन तीनों कानूनों को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर न्याय मिल जाएगा।’’ शाह ने कहा, ‘‘हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणाली होगी।’’ केंद्रीय गृह मंत्री ने नए कानूनों को पूरी तरह से लागू करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की भी सराहना की। इससे पहले, मोदी ने नए कानूनों के तहत अपराध स्थल की जांच का सीधा प्रसारित प्रदर्शन देखा।
चंडीगढ़ पुलिस ने यहां पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थापित एक प्रदर्शनी हॉल में साक्ष्य एकत्र करने और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में नए कानूनों को व्यावहारिक रूप से लागू करने की प्रक्रिया को प्रदर्शित किया गया। मोदी को चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कंवरदीप कौर ने भी जानकारी दी। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, चंडीगढ़ के सलाहकार राजीव वर्मा और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह यादव भी थे।
सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य भारत की कानूनी प्रणाली को अधिक पारदर्शी, कुशल और समकालीन समाज की जरूरतों के अनुकूल बनाना है। बयान में कहा गया कि ये ऐतिहासिक सुधार भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक हैं, जो साइबर अपराध एवं संगठित अपराध जैसी आधुनिक चुनौतियों से निपटने और विभिन्न अपराधों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नया ढांचा प्रदान करते हैं।
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