संभल में एक और मंदिर खुला, सामने आया 200 हिंदू परिवारों के पलायन का सच

खग्गू सराय के बाद सरायतरीन में खोला गया मुस्लिम आबादी के बीच बना मंदिर

संभल में एक और मंदिर खुला, सामने आया 200 हिंदू परिवारों के पलायन का सच

संभल, अमृत विचार। संभल में 46 साल से बंद हिंदू मंदिर के ताले खुलवाये जाने के बाद अब मुस्लिम आबादी के बीच बने एक और मंदिर को खुलवाया गया तो यहां से 200 हिंदू परिवारों के पलायन का सच सामने आया है। मंदिर की साफ सफाई करने के बाद श्रद्धालुओं ने यहां पूजा अर्चना शुरु की। मंदिर परिसर में ही एक कुंआ होने की बात भी सामने आई।

चार दिन पहले संभल के खग्गू सराय मोहल्ले में मुस्लिम आबादी के बीच एक सुनसान मंदिर नजर आया तो प्रशासन ने इस मंदिर के ताले खुलवाये थे। बताया गया कि इस इलाके में रहने वाले 40 हिंदू परिवार 1978 के दंगे के बाद पलायन कर चले गये थे और तभी से मंदिर के ताले बंद थे। खग्गू सराय के मंदिर में पूजा अर्चना शुरु होने के बाद मंगलवार को सरायतरीन के मौहल्ला कच्छयावान में मुस्लिम आबादी में एक मंदिर के ताले बंद होने की बात प्रशासन को बताई गई। हयातनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मंदिर के ताले खुलवाये। इसके बाद पालिका की टीम ने मंदिर परिसर में उगी घास व झाड़ियों को काटकर साफ सफाई कराई। मंदिर की मूर्तियों को भी साफ किया गया और फिर इस सुनसान मंदिर में भी पूजा अर्चना शुरु हो गई।  जांच पड़ताल में पता चला कि मंदिर के आसपास 200 हिंदू परिवार रहते थे जो पलायन कर यहां से चले गये। कुछ लोगों ने पक्का बाग मंदिरा के निकट मकान बना लिये तो कुछ दूसरे हिंदू मोहल्लों में चले गये। कुछ परिवार पलायन कर दूसरे शहरों में जा बसे। अब इस इलाके में केवल मुस्लिम आबादी है।  यह बात भी सामने आई कि त्योहारों पर हिंदू समुदाय के एक दो लोग आकर यहां पूजा अर्चना की औपचारिकता कर चले जाते थे। हालांकि मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि हिंदू समुदाय के लोग बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से मकान बेचकर दूसरे मौहल्लों में गये हैं। हालांकि पलायन कर गये हिंदू समुदाय के कुछ लोगों ने कहा कि असुरक्षा की वजह से वह पलायन करने पर मजबूर हुए। सपा के शासनकाल में उनके साथ घटनाएं होती थीं और फिर कहीं सुनवाई भी नहीं होती थी। हयातनगर थाना प्रभारी चमन सिंह ने कहा कि मंदिर की चाभी हिंदू समुदाय के व्यक्ति के पास ही थी।