मुरादाबाद : शीशपाल व ओमवती की मौत से अनाथ हो गए तीन भाई, घर पहुंचे माता-पिता के शवों को देख दहाड़े मार कर रोने लगे
मुरादाबाद, अमृत विचार। रविवार तड़के पाकबड़ा थाना क्षेत्र में हाईवे पर हुए हादसे में जान गंवाने वाले मझोला थाना क्षेत्र के लाइनपार हनुमान मंदिर वाली गली निवासी शीशपाल सैनी के परिवार में पत्नी ओमवती के अलावा तीन बेटे सुभाष सैनी, शुभम उर्फ टीटू और रोहित सैनी हैं। माता-पिता की मौत के बाद तीनों भाई अनाथ हो गए।
मृतक ऑटो चालक शीशपाल सैनी का बड़ा बेटा दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता है। जबकि दोनों अन्य बेटे माता-पिता के साथ ही रहते थे। अभी किसी भी बेटे की शादी नहीं हुई है। शीशपाल के बड़े बेटे के लिए कई रिश्ते आ रहे थे। वह रिश्ता तय करके शादी करने की तैयारी में थे। लेकिन, रविवार तड़के जब उनकी मौत की सूचना आई तो बेटों के साथ ही मोहल्ले के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। हादसे में पिता शीशपाल और मां ओमवती की मौत के बाद तीनों बेटे अनाथ हो गए। रविवार दोपहर बाद जब पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो बेटों के साथ ही उनकी बुआ और अन्य परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे। उन्हें ढांढस बंधाने वालों के भी आंख के आसूं नहीं थम रहे थे। शाम के समय गमगीन माहौल में लोकोशेड मोक्षधाम पर शीशपाल व उनकी पत्नी ओमवती के शव का अंतिम संस्कार किया गया। माता-पिता की मौत के बाद तीनों भाई अनाथ हो गए और उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
10 साल से मुरादाबाद में ही रहा रहा था रामपुर का दिलीप
पाकबड़ा थाना क्षेत्र में दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर हुए हादसे में जान गंवाने वाला तीसरा युवक दिलीप सिंह (24) मूल रूप से रामपुर के मिलक खानम थाना क्षेत्र के गांव महनागर का रहने वाला था। वह पांच भाई और चार बहनों में सबसे छोटा था। बड़े भाई राजेश कुमार ने बताया कि पिता गनेशीलाल और मां बिरसा देवी की पहले ही मौत हो चुकी है। बीते करीब 10 साल से दिलीप सिंह मुरादाबाद के लाइनपार इलाके में ही रह रहा था। वह मेडिकल का डिप्लोमा करने के बाद मझोली के निजी अस्पताल में जॉब करता था। शीशपाल से परिचय होने के कारण उसकी अच्छी दोस्ती हो गई थी। दोस्ती में ही वह गंगास्नान के लिए उनके साथ ब्रजघाट चला गया था, जहां से लौटने के दौरान मौत हो गई।
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