कानपुर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले- आईआईटी कृषि क्षेत्र में भी बढ़ाए नवाचार, संस्थान के पास किसानों की आजीविका सुधारने का अवसर है
आईआईटी में उपराष्ट्रपति ने कॉरपोरेट जगत से निवेश का भी आह्वान किया
कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर में ‘भारत के विकास में नवाचार की भूमिका’ विषय पर हुए व्याख्यान में नवाचार के नए क्षेत्र पर चर्चा हुई। कॉरपोरेट जगत से संस्थान के नवाचारों पर निवेश कर उन्हें समाज में लाने का आह्वान हुआ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईआईटी से कृषि क्षेत्र में खासतौर पर नवाचार बढ़ाकर विकास के नए रास्ते खोजने का आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति ने संस्थान परिसर में एक पौधा रोपकर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में नवाचार के महत्वपूर्ण महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देकर आईआईटी कानपुर के पास भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने, आर्थिक विकास के लिए नए रास्ते बनाने और लाखों किसानों की आजीविका में सुधार करने का अवसर है।
उपराष्ट्रपति ने कॉर्पोरेट जगत से नवाचार के लिए मजबूत प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर जोर दिया। अपने इनक्यूबेशन सेंटर जैसी पहल के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देने में आईआईटी कानपुर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह आईआईटी कानपुर ने महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों सहित 400 से अधिक स्टार्टअप का समर्थन किया है, वह सराहनीय है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे नवाचार स्मार्ट, स्केलेबल और टिकाऊ समाधानों पर केंद्रित हों।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, रेशम उत्पादन और कपड़ा मंत्री राकेश सचान, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल, उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण सहित अन्य ने भी विचार व्यक्त किए।
नवाचार समाज की जरूरत पूरी करते हैं
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नवाचार का मतलब सिर्फ नई तकनीक बनाना नहीं है। बल्कि यह समाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए विचारों को अपनाना है। उन्होंने कहा, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति नवाचार से प्रेरित है और आईआईटी कानपुर जैसे संस्थान यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि इन प्रगतियों से सभी को फायदा मिले।
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