बरेली: पुल हादसा...बदायूं के दो जेई, दो एई और एक्सईएन हादसे के लिए जिम्मेदार

पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर ने शासन को भेजी जांच रिपोर्ट, विभागीय कार्रवाई की संस्तुति

बरेली: पुल हादसा...बदायूं के दो जेई, दो एई और एक्सईएन हादसे के लिए जिम्मेदार

बरेली, अमृत विचार। फरीदपुर में अधूरे पुल से कार गिरने से तीन लोगों की मौत के मामले में पीडब्ल्यूडी के बदायूं सर्किल के एसई की जांच के बाद मंगलवार को शासन को रिपोर्ट भेज दी गई। इसमें बदायूं के एक्सईएन को भी हादसे का जिम्मेदार बताया गया है। इसके अलावा रिपोर्ट उन दो एई और दो जेई के भी नाम हैं जिनके खिलाफ पहले ही बदायूं प्रशासन की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। चीफ इंजीनियर की ओर से इन पांचों इंजीनियर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में इन सभी के निलंबन का आदेश जारी हो सकता है।

फरीदपुर और बदायूं के खल्लपुर के बीच रामगंगा पर बने अधूरे पुल पर शनिवार रात हादसा होने के बाद शासन ने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर अजय कुमार को जांच कराने और 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। चीफ इंजीनियर ने सोमवार को बदायूं के एसई केके सिंह को जांच सौंपी थी जिन्होंने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट दे दी। एसई की रिपोर्ट में हादसे के लिए बदायूं के एक्सईएन नरेश कुमार, एई मोहम्मद आरिफ और अभिषेक, जेई अजय गंगवार और महाराज सिंह को जिम्मेदार बताया गया है। इनमें एक्सईएन को छोड़कर बाकी चारों इंजीनियरों पर बदायूं के दातागंज थाने में वहां की डीएम के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।एसई की जांच रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी इंजीनियरों ने पुल की एप्रोच रोड पर आवागमन रोकने के लिए ठोस इंतजाम नहीं किए। चीफ इंजीनियर ने एक्सईएन समेत पांचों इंजीनियरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति के साथ एसई की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

इन सवालों के जवाब में हैं रिपोर्ट में
इस रिपोर्ट में आवागमन रोकने के लिए बनाई गई दीवार कब गिरी और किसने गिराई, दीवार गिरने के बाद तत्काल उसका संज्ञान न लेने के लिए कौन जिम्मेदार है, पुल कब बना, कब से अधूरा है, उसे पूरा कराने के लिए अब तक क्या-क्या हुआ और उस पर संकेतक या बैरिकेड क्यों नहीं लगाए, कितनी बार इंजीनियरों ने अधूरे पुल का दौरा किया जैसे सवालों के जवाब शामिल हैं।

शासन में भी बेपरवाही, बरेली के इंजीनियर भी बच गए
पुल की बरेली की ओर बनी एप्रोच रोड बह जाने के बाद नए सिरे से पुल का नक्शा तैयार किया जाना था। तय हुआ था कि आईआईटी रुड़की से हाइड्रोलिक स्टडी कराकर पुल का नक्शा तैयार कराया जाए ताकि पानी के बहाव की स्थिति के मुताबिक मोड़कर मजबूत पुल बनाया जा सके। सेतु निगम ने शासन से तीन महीने पहले बजट की मांग की लेकिन बजट जारी नहीं हुआ है। शासन के अधिकारियों की इसी बेपरवाही की आड़ में बरेली के पीडब्ल्यूडी अधिकारी भी बच गए। हालांकि हादसे में उनकी भूमिका तय न होने पर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि बरेली में बैठे पीडब्ल्यूडी के उच्चाधिकारियों ने गंभीरता दिखाई होती और शासन से पत्राचार कर पुल का काम पूरा करा दिया होता तो यह हादसा न होता।

यह था मामला
गुरुग्राम में सिक्योरिटी एजेंसी चलाने वाले आगरा के अमित सिंह (38) फर्रुखाबाद में रहने वाले अजीत कुमार (30) और उनके चचेरे भाई नितिन (30) के साथ शनिवार रात कार से फरीदपुर एक शादी में शामिल होने आ रहे थे। वह गूगल मैप की मदद से आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान बदायूं की दातागंज तहसील में बने पुल पर चढ़ गए। पुल आगे बरेली की तरफ अधूरा था। इसकी वजह से उनकी कार रामगंगा में जा गिरी। मौके पर ही तीनों की मृत्यु हो गई।

जागा शासन, हाइड्रोलिक स्टडी के लिए मिलेगा बजट
चीफ इंजीनियर अजय कुमार ने बताया कि पिछले साल एप्रोच रोड बहने के बाद पीडब्ल्यूडी, सेतु निगम और सिंचाई विभाग की उच्चस्तरीय कमेटी बनी थी। जांच के बाद तय हुआ था कि पुल की हाइड्रोलिक स्टडी आईआईटी रुड़की से कराकर उसी के अनुरूप पुल का दोबारा निर्माण कराया जाए ताकि वह सुरक्षित रहे। हाइड्रोलिक स्टडी के लिए शासन से इसी साल जुलाई में 20 लाख के बजट की मांग की गई थी जो अब तक नहीं मिला है। अब हादसा होने के बाद शासन से बजट के लिए भेजे प्रस्ताव की जानकारी मांगी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही बजट मिल जाएगा।

जानिए क्या बोले चीफ इंजीनियर
चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी अजय कुमार ने बताया कि पुल से गिरकर तीन लोगों की मौत के मामले की शासन के निर्देश पर बदायूं के एसई से जांच कराकर रिपोर्ट भेज दी गई है। रिपोर्ट में पांच इंजीनियरों की लापरवाही बताई गई है। इनमें से बदायूं के दो एई और दो जेई के खिलाफ केस भी दर्ज हो चुका है। इसके अलावा एक्सईएन की लापरवाही सामने आई है। -

हादसे के बाद शासन भी जागा
फरीदपुर में तीन लोगों की जान जाने के बाद अब ऐसे दूसरे क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत के लिए बजट जारी किया जा रहा है जो मंजूरी के बावजूद लंबे समय से शासन में अटका हुआ था। बल्लिया-शीशगढ़ मार्ग से वसुधरन जाने वाले मार्ग पर बहगुल और डोडा नदी पर बने पुल की मरम्मत के लिए भी 65.77 लाख जारी किए गए हैं। बजट न मिलने से यह पुल दो साल से अधूरा पड़ा है। वहीं हाल ही में फरीदपुर में अधूरे पुल से नीचे कार गिरने की घटना के बाद शासन ने इस पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से का तेजी से निर्माण करने के लिए 65.77 लाख की धनराशि जारी की है। 

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