Ayodhya News : रामलला कैसे पहनते हैं वस्त्र.....? क्यों रामलला को लगती है ठंड....?

Ayodhya News : रामलला कैसे पहनते हैं वस्त्र.....? क्यों रामलला को लगती है ठंड....?

अमृत विचार, अयोध्या : अयोध्या मे 500  वर्षों के बाद भगवान श्री रामलला का मंदिर  बना है l और जब से प्रभु श्री राम लला का विग्रह वहां पर स्थापित किया गया है तभी से उसकी चर्चाएं उसकी देखरेख मंदिर से जुडी सभी बातों पर दुनिया भर की नजर रहती है l

आपको बता दे भगवान श्री राम लाल यहाँ मूर्त रूप में स्थापित है l लेकिन सनातन धर्म की परंपरा मे जब किसी मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाती तो उसमें साक्षात ईश्वर विराजमान हो जाते हैं l ऐसे मे उनकी सेवा जीवंत रूप से पूरी की जाती है l ठीक वैसे जैसे साक्षात भगवान वहां पर हमेशा उपस्थित हो और उनकी सेवा लगातार जारी रहती है आपको बता दे प्रतिदिन भगवान सुबह 4:30 बजे उठते हैं  आरती होती है भोग लगता है और फिर सयन आरती के बाद वो सो भी जाते है l  इसी दिनचर्या के अनुरूप मौसम की भी दिनचर्या उनके लिए उसी प्रकार लागू होती है जैसे एक सामान्य व्यक्ति के लिए होती है लेकिन भगवान राम यहां राजा रूप में रहते तो उनके व्यवस्था भी बिल्कुल ठाट के साथ होती है l

रामलला के भक्त

 इस समय अयोध्या में रामलला को ठंड से बचाने के लिए रजाई का प्रयोग शुरू कर दिया गया है। मार्गशीर्ष के कृष्ण पंचमी से तापमान में लगातार गिरावट हो रही है इसी के चलते राजाई उढ़ाई जा रही है व ऊनी कपड़े पहनाये जा रहे है l रामलला को लद्दाख की प्रसिद्ध पश्मीना शॉल ओढ़ाया जा रहा है व साथ मे हिमाचल की धोती भी पहनाई जा रही है l लेकिन आगे की परिधान की बात करे तो रामलला को अभी रेशमी परिधानों मे ही रखा जा रहा है l सातों दिन के लिहाज से विशेष परिधान दिल्ली से राम नगरी अयोध्या पहुंच रहे है l रामलला के प्रसिद्ध वस्त्र डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने बताया कि  " प्रभु श्री रामलला के सिले हुए ऊनी परिधान अयोध्या पहुंच चुके है ।

जो कि सातों दिन के लिहाज से परिधानों को खूबसूरत डिजाइन व सुसज्जित कर दिया गया है l आगे के लिए जैसे -जैसे ठंड बढ़ती जाएगी वैसे-वैसे रामजी के पोशाक में परिवर्तन भी होता रहेगा l जैसे कड़ाके की ठंड में जब पारा काफी नीचे आ जाता है, उस समय भगवान की धोती भी पश्मीना अथवा कुल्लू हिमाचल के उन की होगी। साथ ही आपको बता दे कि रामलला के दो अंगवस्त्रत्त्म एक जो उनके कंधे पर रहता है व दूसरा उनके हाथ में रहता है उसे लद्दाख के पश्मीना से निर्मित किया गया है।

यह भी पढ़ें- Prayagraj News :एक मंजिल से ऊंची इमारत के रखरखाव में लगा व्यक्ति कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत मुआवजे का हकदार