Kanpur: पी-7 हैवी ड्राप पैराशूट का बल्क ऑर्डर मिला, 146 पैराशूट बनाएगी ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड
कानपुर, अमृत विचार। शहर में बने पी-7 हैवी ड्राप पैराशूट से सेना अब जीप और लाइट फील्ड गन सुरक्षित जगह तैनात कर सकेगी। इस अत्याधुनिक पैराशूट को ओपीएफ ने तैयार किया है। हाल ही में दिल्ली में हुए एक समारोह के दौरान जीआईएल को 146 पैराशूट बनाने का बल्क ऑर्डर मिला है।
पैराशूट बनाने वाली डीपीएसयू ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) को पी-7 हैवी ड्राप पैराशूट सिस्टम का आर्डर मिला है। यह पैराशूट सिस्टम आईएल-76 विमान से चार किमी की ऊंचाई से 9.5 टन तक के पेलोड को सुरक्षित रूप से गिराने में सक्षम है।
11 नवंबर को नई दिल्ली स्थित डीआरडीओ भवन में आयोजित समारोह के दौरान इस पैराशूट सिस्टम के एएचएसपी (अथारिटी होल्डिंग सील्ड पार्टिकुलर्स) को डीआरडीओ के संगठन एडीआरडीई आगरा की ओर से गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) को सौंप दिया गया।
इस समारोह में रक्षा अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) विभाग के सचिव व डीआरडीओ के अध्यक्ष डा. समीर वी. कामत, डीजी (पीसी एंड एसआई) डा. चंद्रिका कौशिक, एडीआरडीई के निदेशक डा. मनोज कुमार, जीआईएल के सीएमडी सुनील दाते, सीक्यूए टीएंडसी के कंट्रोलर ब्रिगेडियर टी. रजनीश तथा ओपीएफ के महाप्रबंधक एमसी बालासुब्रमणियम समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
ऑर्डर पूरा करने में जुटी टीम
नई उपलब्धि पर महाप्रबंधक एमसी बालासुब्रमणियम ने इस सफलता के लिए टीम जीआईएल को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना इस प्रणाली के साथ हवाई ड्रापिंग करके सीमा और संघर्ष क्षेत्रों में अपनी लाइट फील्ड गन और जीप को तेजी से तैनात कर सकती है। पी-7 हैवी ड्राप पैराशूट सिस्टम की आपूर्ति के लिए पूरी टीम पूर्ण मनोयोग से जुटी हुई है।
इस तरह करता है काम
इस पैराशूट सिस्टम का उपयोग आईएल-76 एयरक्राफ्ट से दुर्गम क्षेत्रों में 9.5 टन भार के उपकरणों व वाहनों को आसानी से उतारने के लिए किया जाता है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस पैराशूट प्रणाली में पांच मेन कैनोपीज, 5 ब्रेक शूट, 2 सहायक शूट और 1 एक्सट्रैक्टर पैराशूट का एक समूह शामिल है। इसकी वजह से 9.5 टन तक वजनी सामान एयरक्रॉफ्ट से नीचे आने पर खराब नहीं होता है। सेना के लिए यह सिस्टम बहुत उपयोगी माना जा रहा है।