अयोध्या: जमीन अधिग्रहण के विरोध में भू-स्वामियों व किसानों ने किया धरना प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
उठाई-भूमि विकास गृहस्थान एवं बाजार योजना को रद्द करने की मांग
अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ सोमवार को भूस्वामियों और किसानों ने सदर तहसील के सामने तिकोनिया पार्क में धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी की। आवास विकास परिषद पर नियम विरुद्ध भूमि अधिग्रहण करने के प्रयास का आरोप लगाया। भूमि विकास गृहस्थान एवं बाजार योजना को रद्द किए जाने की मांग उठाई। जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के जरिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा।
सदर तहसील के सामने तिकोनिया पार्क में आयोजित धरना प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा कि शाहनेवाजपुर माझा, शाहनेबाजपुर उपरहार, कुढ़ाकेशवपुर माझा, कुढ़ाकेशवपुर उपरहार, माझा बरहटा और माझा तिहुरा में आवासीय समस्याओं का बहाना बनाकर आम जनता व किसानों की बहुमूल्य जमीन अधिग्रहण के नाम पर हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। परिषद ने पहले ली गई जमीन पर कोई विकास का काम नहीं कराया। ली जा रही बाकी जमीन के विकसित करने की कोई योजना ही नहीं है। किसान और भू-स्वामियों की बहुमूल्य जमीनों को औने पौने दाम पर लेना चाहता है। जबकि 2013 के अधिग्रहण कानून की धारा आठ में पूर्व में अधिग्रहीत भूमि के बिना पूर्ण उपयोग किए नया अधिग्रहण करना प्रतिबंधित है। इसलिए अधिग्रहण अवैधानिक है।
भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि सर्किल रेट कम होने के कारण अधिकतम भूमि लेने का प्रयास किया जा रहा है। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, जिसके सदस्य जिलाधिकारी स्वयं है, ने अयोध्या में 2021 से अब तक कई जमीनें खरीदी है। सारी जमीनें सर्किल रेट से कई गुने पर खरीदी गई है। यह स्पष्ट प्रमाण है कि यहाँ पर जमीनों की वास्तविक कीमत सर्किल रेट से बहुत ज्यादा है। परिषद ने 2020 में किसानों की बहुमूल्य जमीनें औने-पौने दामों पर ली। उनको महंगे दामो पर उद्योगपतियों को बेंच रही है।
होटल्स के प्लॉट काटकर 88 हजार रूपए स्क्वायर मीटर के बेस रेट पर ऑक्शन किया, जो 1.45 लाख रूपये स्क्वायर मीटर पर बिका। आवास विकास ने अधिग्रहीत भूमि को प्रति बिस्वा 1.81 करोड़ के मूल्य पर बेंचा। इसे अनैतिक अलोकतांत्रिक, अवैधानिक असंवैधानिक योजना करार देते हुए योजना को निरस्त करने की मांग उठाई। कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की धरती के मूल निवासियों को अयोध्या के विकास में शामिल होने का अवसर दिया जाए।
धरना-प्रदर्शन में राम सुरेमन, मंजीत, अरविंद यादव, जयदेव सिंह, अभिषे, आलोक, पूजा, शीला सिंह, राघवराम पांडेय, सनी, राम अवतार, सरिता सहित सैकड़ों की संख्या भूस्वामी व किसान थे।
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