कासगंज: धार्मिक अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ ककोड़ा मेला

कासगंज: धार्मिक अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ ककोड़ा मेला

गंजडुंडवारा, अमृत विचार: गंजडुंडवारा गंगा के कादरगंज घाट पर ककोड़ा मेला एवं कार्तिक पूर्णिमा मेला धार्मिक अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ। जिला पंचायत अध्यक्ष और जिलाधिकारी ने फीता काटा। अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों ने यज्ञ में आहुति दी। गंगा मैया का दुग्ध अभिषेक किया। मेला सकुशल संपंन होने की कामना की। 

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जिला पंचायत अध्यक्ष रत्नेश कश्यप एवं डीएम मेधा रूपम ने संयुक्त रूप से फीता काटकर मेला का शुभारंभ किया। वहीं मेले की तैयारियों व श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। आज कार्तिक पूर्णिमा को मेले में शाही स्नान होगा। ककोड़ा मेला दशकों पुराने प्राचीन धार्मिक मेलों में शामिल हैं। वैसे यह 11 नवंबर से चल रहा है। इसमें कार्तिक पूर्णिमा के दिन शाही स्नान होता है। जिसमें स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ दूर-दराज से संत और महात्मा स्नान के लिए आते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा का स्नान को प्रमुख माना जाता है। मेले में सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए विभागों ने स्टॉल भी लगाई हैं। एसपी अर्पणा रजत कौशिक, सीडीओ सचिन यादव, एसडीएम प्रदीप विमल, तहसीलदार जितेन्द्र कुमार, नायब तहसीलदार मुकेश कुमार, बीडीओ श्रेति गर्ग, विधायक हरिओम वर्मा, देवेन्द्र राजपूत,जिलाध्यक्ष केपी सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि बॉबी कश्यप, पालिकाध्यक्ष सोरो रामेश्वर मेहरे, पालिकाध्यक्ष भरगैन चमन सेठ, कानूनगो पंकज शर्मा,लेखपाल बृजबिहारी आदि मौजूद रहे।

एसपी ने सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा
मेले के उद्घाटन के बाद एसपी अर्पणा रजत कौशिक ने सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वहाँ तैनात गोताखोर से बातचीत की और लगातार सक्रिय रहने की हिदायत दी। निगरानी को बनाए गए वांच टावर का निरीक्षण किया एवं कोतवाली पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखने के निर्देश भी दिए।

यह व्यवस्था कराई जाएगी मुहैया
मेले में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसलिए मेला मे यातायात व्यवस्था, खोया पाया पुलिस सूचना केन्द्र, वाहनों की पार्किंग, पेयजल, अस्थायी शौचालय, प्रकाश, सुरक्षा एवं साफ सफाई तथा गंगा स्नान के लिए बैरिकेडिंग व्यवस्था के साथ ही महिला श्रद्धालुओं के लिये चेंजिंग व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु गहरे पानी में न जाएं इसके लिए चेतावनी बोर्ड और बैरिकेडिंग कर दी गई है।

नही दिखी प्राचीन मेले सी रौनक
वैसे मेला तो कुछ दिनों पूर्व ही शुरू हो चुका था। लेकिन पूजा अर्चना के साथ विधिविधान से गुरुवार से प्रारम्भ हुआ। लेकिन इसमें मेले मे रौनक नही दिखी। मेले के नाम पर कुछ सरकारी टेंट तने दिखे। वहीं कुछ दुकानें व झूले लगते दिखे। लोगों से जब मेले के बारे मे पूंछा तो उन्होने बताया कि कुछ वर्षों पूर्व मेले की रौनक देखते ही बनती थी। प्राचीन मेला प्रशासनिक उदासहीनता के कारण प्रति वर्ष धीरे-धीरे एक दो दिन तक ही सिमटता जा रहा है। मेले मे प्रशासन एवं विभागों की तरफ से कुछ विशेष आयोजन हो तो शायद यहाँ मेले जैसी रौनक दिख सके।

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