महंगाई की मार: रुलाने लगा लहसुन और प्याज, जानें कितने हैं बाजार में आज के दाम
बरेली, अमृत विचार: उम्मीद थी कि दिवाली बाद सब्जियों पर महंगाई से राहत मिलेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बाकी सब्जियों के भाव में कुछ गिरावट आई लेकिन प्याज और लहसुन के रेट आम आदमी को फिर चुनौती देने लगे हैं। लहसुन का भाव साल के सर्वोच्च स्तर पांच सौ रुपये पर पहुंच गया है तो मध्यम क्वालिटी की प्याज भी 60 और 70 के भाव से नीचे आने को तैयार नहीं है। कारोबारी इस महंगाई के अलग-अलग कारण गिना रहे हैं लेकिन आम आदमी की हालत खराब हो रही है।
प्याज और लहसुन जिले में महाराष्ट्र से आता है। डेलापीर थोक मंडी के सामान्य दिनों में जिले में रोज 125 क्विंटल तक प्याज और करीब 15 क्विंटल लहसुन की आवक होती है। महाराष्ट्र में बारिश से प्याज और लहसुन दोनों का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इस वजह से जिले में प्याज की रोज की आवक सिर्फ सौ क्विंटल रह गई है। लहसुन सिर्फ सात-आठ क्विंटल ही आ पा रहा है। इसी वजह से प्याज और लहसुन के भाव बढ़ गए हैं।
डेलापीर मंडी की बात करें तो लहसुन का थोक भाव चार सौ से 425 रुपये किलो तक पहुंच गया है। प्याज का थोक भाव कई दिन से 50 रुपये के करीब चल रहा है। फुटकर मार्केट में लहसुन पांच सौ और प्याज 60 से 70 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है। कारोबारियों का कहना है कि महीने के अंत में प्याज की नई फसल बाजार में आने के बाद भाव नीचे आने की उम्मीद है।
नया लहसुन आने का इंतजार
सर्दियों में लहसुन की मांग बढ़ती है। इसके अलावा लहसुन की बुवाई होने के बाद बाजार में पुराने लहसुन की आवक कम हो जाती है। मांग और आवक का फर्क ज्यादा बढ़ता है तो भाव बढ़ने लगते हैं। इसी कारण माना जा रहा है कि बाजार में नया लहसुन आने तक उसके भाव नीचे नहीं आने वाले।
खराब आ रहा है प्याज
डेलापीर मंडी के आढ़तियों के मुताबिक इस वक्त डेलापीर मंडी में जो प्याज आ रहा है, वह बारिश में भीग चुका है, इसलिए उसमें काफी प्याज खराब निकलता है। थोक विक्रेता राजू बताते हैं कि मंडी आकर असलियत देखी जा सकती है। कम मंगाने के बाद भी रोज काफी प्याज फेंकना पड़ता है।
थोक और फुटकर कारोबार के बीच भी है काफी महंगाई
सब्जियां मुनाफा कमाने के चक्कर में भी काफी महंगी हो रही हैं। थोक और फुटकर भावों में काफी अंतर है। नए आलू का थोक भाव 35 से 40 रुपये है जो औसतन 10 रुपये किलो के मुनाफे के साथ फुटकर बाजार में 45 से 50 रुपये बिक रहा है। इसी तरह 50 से 55 के थोक भाव का प्याज बाजार में 60 से 70 रुपये है। लहसुन का थोक भाव साढ़े तीन सौ से चार सौ रुपये है जो फुटकर में साढ़े चार सौ से पांच सौ रुपये बिक रहा है। गोभी थोक में अब 15 से 20 है लेकिन बाजार में 25 से 30 बिक रही है। शिमला का भाव 40 से 50 है लेकिन बिक रही है 70 से 80 तक। इसी तरह धनिया थोक मंडी में 30 रुपये और फुटकर मंडी में 60 रुपये किलो है।
सहालग में भी झेलनी पड़ेगी महंगाई
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में प्याज की फसल बारिश से खराब हो गई। बारिश से भीगा प्याज मंडी में काफी सड़ रहा है। नया प्याज बाजार में आने में अभी थोड़ा समय लगेगा। इसी कारण थोक में प्याज 55 रुपये किलो बिक रहा है। लहसुन भी काफी महंगा है- महेंद्र सिंह, थोक कारोबारी डेलापीर मंडी।
टमाटर समेत दूसरी सब्जियों के भाव अब नीचे आ रहे हैं। कुछ दिन पहले टमाटर 80 रुपये तक बिका था। अब 40 रुपये है। धनिये के भाव भी काफी नीचे है। सीजन की हरी सब्जियां सस्ती हो गई हैं। लेकिन बाहर से आने वाली गाजर, अदरक, आलू, प्याज, लहसुन महंगे हैं- संजय, शहामतगंज मंडी।
प्याज और लहसुन पर महंगाई से होश फाख्ता हैं। मौसम के हिसाब से इसमें कमी आनी चाहिए थी। 70 रुपये किलो प्याज खरीदा है। लहसुन कम इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार कम से कम हर दिन खायी जाने वाली सब्जियों की कीमतों पर तो काबू करे- रोशनी प्रजापति, गृहिणी पुराना शहर।
कुछ दिनों से प्याज की आवक कम हो गई है। महराष्ट और मध्यप्रदेश से रोज करीब 125 क्विंटल प्याज मंडी में उतरती थी जो अब 100 क्विंटल से भी कम रह गई है। लहसुन के दाम सर्दी में बढ़ते ही हैं लेकिन इस बार ज्यादा बढ़े हैं। बाकी सब्जियों के दाम कम ही हैं- शुजाउर्रहमान, अध्यक्ष, डेलापीर मंडी एसोसिएशन।
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