हल्द्वानी: मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को गांव-गांव घूमेगी मोबाइल वैन

हल्द्वानी: मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को गांव-गांव घूमेगी मोबाइल वैन

हल्द्वानी, अमृत विचार। जंगलात ने मानव वन्यजीव टकराव की रोकथाम के लिए गांव-गांव और घर-घर जाकर जनता को जागरूकर करने की रणनीति बनाई है। इसके लिए मोबाइल वैन चलाई जाएगी। 

तराई पूर्वी वन डिवीजन का क्षेत्रफल 82 हजार हेक्टेयर अधिक वन भूमि पर नैनीताल से ऊधम सिंह नगर में नेपाल बॉर्डर तक फैला हुआ है। इसमें तराई और भाबर के जंगल मानव वन्यजीव संघर्ष के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं। वन अधिकारियों का कहना है कि जंगलों से सटे गांव होने के बाद भी ग्रामीण वन्यजीवों के व्यवहार के प्रति जागरूक नहीं होते हैं जिस वजह से आए दिन संघर्ष होते हैं।

इसमें ज्यादतर इंसान तो कभी वन्यजीवों को भी जान गंवानी पड़ती है।  इसी को देखते हुए वन विभाग ने एक मोबाइल वैन चलाने का फैसला किया है। जो संवेदनशीला गांवों में घर-घर जाकर जनता को संघर्ष की रोकथाम के लिए जानकारी देगी। इसमें ग्रामीणों को वन्जीव के आने पर किए और नहीं किए जाने वाले काम, संघर्ष की रोकथाम के लिए जरूरी उपाय, सूचनाओं का महत्व आदि के बारे में बताया जाएगा। संभावना है कि बुधवार या गुरुवार को इस वैन को गांवों के लिए रवाना किया जाएगा।

शुरुआत मुख्यमंत्री धामी के घर से होगा
सीएम पुष्कर सिंह धामी का गृह क्षेत्र खटीमा से मोबाइल वैन के संचालन की शुरुआत होगी। खटीमा के कुछ गांव चिन्हित किए गए हैं जहां पिछले कुछ समय में मानव-वन्यजीव संघर्ष के कई मामले सामने आए हैं इसलिए पहले यहां वैन चलाई जाएगी।

संवेदनशील गांवों का रोस्टर तैयार
वन विभाग ने तराई पूर्वी वन डिवीजन के सभी संवेदनशील ग्रामों का चिन्हित कर उनका रोस्टर तैयार किया है। जहां वन्यजीव एक्सपर्ट ग्राम प्रधान व सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की मदद से ग्रामीणों एवं  बच्चों को जागरूक करेंगे। 

वन अधिकारी-कर्मी के साथ वन्यजीव एक्सपर्ट भी होंगे टीम में
मोबाइल वैन में वन अधिकारी-कर्मी के साथ वन्यजीव एक्सपर्ट, पशु चिकित्सक व फील्ड स्टाफ मौजूद रहेगा। शुरुआती चरण में एक्सपर्ट ग्रामीणों को जानकारी देंगे जबकि वन स्टाफ बतौर मास्टर ट्रेनर इसकी ट्रेनिंग लेगा। फिर अगले चरणों में एक्सपर्ट के व्यस्त होने पर वन स्टाफ ही जनता को जागरूक करेगा। 


तराई पूर्वी वन डिवीजन के संवेदनशील गांवों में मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को मोबाइल वैन संचालित की जाएगी। इसके जरिए विशेषज्ञ ग्रामीणों को टकराव की रोकथाम के लिए आवश्यक जानकारियां दी जाएंगी। यह वैन आज या कल से रवाना हो सकती है। 
= हिमांशु बागरी, डीएफओ तराई पूर्वी वन डिवीजन हल्द्वानी

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