लखनऊ: चिपकी थी बच्ची की सांस व खाने की नली, ऑपरेशन कर दिया नया जीवन

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Published By Vishal Singh
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केजीएमयू के डॉक्टरों ने की सफल जटिल सर्जरी, नली चिपकी होने के कारण बच्ची दूध तक नहीं पी पाती थी

लखनऊ, अमृत विचार : सात महीने की बच्ची के जन्म से ही खाने व सांस की नली आपस में चिपकी थी। इससे वह दूध नहीं पी पा रही थी। केजीएमयू के चिकित्सकों ने जटिल ऑपरेशन कर चिपकी नली को अलग किया। ऑपरेशन के बाद बच्ची स्वस्थ है। अब बच्ची दूध पी पा रही है।

हरदोई निवासी दिव्या की बेटी नित्या (सात माह) जन्म से ही बीमार रहने लगी थी। परिजनों के मुताबिक वह जैसे ही दूध पीती थी उसकी सांसें उखड़ने लगती थी। बार-बार संक्रमण हो रहा था। निमोनिया जैसे लक्षण हो चुके थे। शरीर का रंग नीला पड़ जाता था। परिवारीजनों ने कई अस्पतालों में दिखाया। फायदा नहीं हुआ। परिवारीजन बच्ची को लेकर केजीएमयू पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग पहुंचे।

यहां विभागाध्यक्ष डॉ. जेडी रावत ने बच्ची को देखा। जरूरी जांच कराई। जांच में पता चला बच्ची की सांस व खाने की नली आपस में चिपकी हुई हैं। इसकी वजह से बच्ची को खाने-पीने में दिक्कत है। वह बार-बार बीमार पड़ रही है। पिता बिजनेश का कहना है कि बीमारी की वजह से बच्ची को कई बार एनआईसीयू में भर्ती कराया जा चुका है। डॉ. जेडी रावत ने बताया कि सांस व खाने की चिपकी नली को अलग करने के लिए ऑपरेशन ही एक मात्र विकल्प होता है। परिवारीजनों को बच्ची के ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई। परिवारीजन राजी हो गए।

उन्होंने बताया कि बच्ची को दोनों नली अलग करने के लिए सीना खोलकर खाने व सांस की नली को अलग किया गया। इसके बाद उसे दो दिन तक उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। सेहत में सुधार के बाद बच्ची को वार्ड में शिफ्ट किया गया। अब वह आसानी से दूध पी रही है। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने ऑपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी है।

ये हैं ऑपरेशन टीम के सदस्य
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जेडी रावत, डॉ. पीयूष कुमार, डॉ. प्रीति कुमारी, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. सतीश वर्मा और नर्सिंग ऑफिसर रीता शामिल रहीं।

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