Supreme Court का बड़ा फैसला: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा रहेगा बरकरार, लेकिन नए सिरे से होगा तय
नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहेगा। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को 4-3 के बहुमत से सुनाया अपना फैसला। सुप्रीम कोर्ट ने अजीज बासा के फैसले को निरस्त कर दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन यह फैसला सुनाया है।
बता दें कि इससे पहले सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पीठ में सीजेआई के अलावा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, सूर्यकांत, जे.बी. पारदीवाला, दीपांकर दत्ता, मनोज मिश्रा और एससी शर्मा शामिल हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे के मामले पर फैसला सुनाने के लिए बैठी। सीजेआई चंद्रचूड़ इस वक्त फैसला पढ़ रहे है। प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि चार अलग-अलग फैसले हैं। असहमति वाले तीन फैसले हैं। सीजेआई ने अपने और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के लिए बहुमत का फैसला लिखा।
बता दें कि इससे पहले सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पीठ में सीजेआई के अलावा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, सूर्यकांत, जे.बी. पारदीवाला, दीपांकर दत्ता, मनोज मिश्रा और एससी शर्मा शामिल हैं।
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