बरेली: सालों से नदारद शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई से बच रहे जिम्मेदार
स्थानीय अभिभावक कई बार कर चुके हैं अधिकारियों से शिकायत
बरेली, अमृत विचार। आलमपुर जाफराबाद के बिहारीपुर द्वितीय प्राथमिक स्कूल से महीनों से नदारद चल रही शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करने से विभागीय जिम्मेदार भी बचते दिख रहे हैं। जुलाई से अक्टूबर माह तक शिक्षिका ने छुट्टी के लिए न तो आवेदन किया है और नहीं विभाग से अनुमति ली है। लंबे समय से बिना विभागीय अनुमति के शिक्षिका के स्कूल नहीं आने से यहां की शिक्षण व्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
स्कूल में प्रधानाध्यापक के अलावा दो सहायक अध्यापकों की नियुक्ति हैं। स्कूल में करीब 50 बच्चे पंजीकृत हैं। विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ के चलते लंबे समय से स्कूल नहीं आ रही शिक्षिका को लेकर स्थानीय अभिभावक भी कई बार अधिकारियों से इसकी शिकायत कर चुके हैं। अभिभावकों का कहना है कि हर महीनें में एआरपी, एसआरजी, खंड शिक्षा अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कई बार स्कूल का निरीक्षण करते हैं, इसके बावजूद भी शिक्षिका लंबे समय से स्कूल नहीं आती हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र में ऐसे कई और शिक्षक हैं जो बिना स्कूल गए ही 4-5 दिन बाद पंजिका में अपने हस्ताक्षर कर देते हैं।
अगस्त से अक्टूबर तक जारी हुई पूरी सेलरी
विभागीय अधिकारियों की सांठ - गांठ के चलते अगस्त से लगातार नदारद चल रही शिक्षिका के अवकाश के संबंध में जानकारी विभागीय पोर्टल पर दर्ज नहीं है। तब से अभी तक का वेतन बिना किसी कटौती के लगातार जारी किया जा रहा है। स्कूल में उपस्थिति पंजिका के मुताबिक एक से 30 जुलाई तक शिक्षिका ने स्वीकृत अवकाश लिया था। इसके बाद अगस्त माह में सिर्फ 6 दिन उपस्थिति दर्ज है बाकी दिनों का कॉलम में मेडिकल लीव ( एमएल) दर्ज किया गया है। अगले माह सितंबर में शुरुआत से 10 दिन तक के कॉलम में ओवर राइटिंग की गई है । इसके बाद पूरे माह के कॉलम खाली हैं।इसके बाद 23 अक्टूबर को पड़ताल करने पहुंची अमृत विचार की टीम ने उपस्थिति पंजिका की जांच की तो पूरे माह के कॉलम खाली थे।
ये भी पढ़ें - बरेली: काला पीलिया...ओपीडी में मरीजों की तादाद बढ़ी