पत्रकार शुभममणि हत्याकांड: आरोपी कन्हैया की सुप्रीम कोर्ट से दोबारा जमानत खारिज...ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर की थी हत्या
तीन बार हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है जमानत
उन्नाव, अमृत विचार। 19 जून 2020 को ब्रम्ह नगर निवासी पत्रकार शुभममणि त्रिपाठी की सहजनी के पास गोली मार कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या में शामिल एक दर्जन से अधिक लोगों पर पत्रकार के भाई ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कई आरोपियों की पूर्व में जमानत हो चुकी हैं।
वहीं मुख्य आरोपी के पति की तीन बार उच्च न्यायालय से जमानत खारिज हो चुकी है। जिस पर जुलाई माह में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई। जिसे कोर्ट खारिज कर दिया। जिसके बाद सोमवार को दोबारा सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी डाली गई। उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं एक आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
कोतवाली क्षेत्र के ब्रम्ह नगर निवासी पत्रकार शुभममणि त्रिपाठी की वर्ष 2020 की 19 जून को उन्नाव से लौटते समय सहजनी दूध मंडी के पास बदमाशों ने गोलियों से भूनकर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी। मृतक के भाई ऋषभ मणि त्रिपाठी ने हत्या में मुख्य आरोपित दिव्या अवस्थी उसके पति कन्हैया अवस्थी के अलावा देवर राघवेन्द्र उर्फ यशू, मोनू, शहनाज अंजर, कौशल किशोर, रानू शर्मा, कपिल कटारिया, अतुल दुबे, विकास दीक्षित, संतोष बाजपेई के खिलाफ नामजद हत्या, बलवा व धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
जिसके बाद पुलिस ने आरोपितों की धरपकड़ कर जेल भेजा। वहीं हत्या में शामिल एक आरोपित कौशल किशोर अपराधी बाबा को पुलिस चार साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सही है। वहीं जेल गये अब्दुल बारी, रानू शर्मा, शाहनवाज, मोनू लुटेरा, कपिल कटारिया, संतोष बाजपेई, विकास दीक्षित, शानू गांधी, रिजवान काना व अफसर की जमानत हो चुकी हैं।
हत्या की मुख्य अभियुक्ता दिव्या अवस्थी और उसके पति कन्हैया अवस्थी ने लखनऊ उच्च न्यायालय में जमानत के लिये कई बार अर्जी दी। जिसे कोई ने खारिज कर दिया। जुलाई माह में सुप्रीम कोर्ट में कन्हैया के वकील के अर्जी डाली थी, जिसे खारिज कर दिया गया।
वहीं कन्हैया के वकील ने दोबारा सुप्रीम कोर्ट में जमानत दाखिल की थी लेकिन सोमवार को वहां से भी खारिज कर दी गई। बताया जाता है कि कोर्ट ने जमानत के लिये समय दिया था लेकिन कड़ी पैरवी और साक्ष्य प्रस्तुत न होने के कारण कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी। वहीं दिव्या अवस्थी, कन्हैया अवस्थी, राघवेन्द्र अवस्थी, सुफियान अभी भी जेल में हैं।