दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपियों को आरोप पत्र और दस्तावेज मुहैया कराए ईडी: अदालत
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले में आरोपियों को आरोप पत्र की प्रतियां और अन्य दस्तावेज मुहैया कराने का सोमवार को निर्देश दिया। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने ईडी को 13 नवंबर तक इस आदेश पर अमल करने का निर्देश दिया, जिस दिन मामले की अगली सुनवाई होगी।
मामले में आरोपी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश हुए। बचाव पक्ष के वकीलों ने न्यायाधीश को बताया कि उन्हें आरोप पत्र और अन्य संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां नहीं मिलीं। न्यायाधीश ने ईडी की दलील भी सुनी कि उसे आरोपियों को डिजिटल रिकॉर्ड की प्रति/शेष दस्तावेजों/उपकरणों की प्रति मुहैया कराने के लिए ‘‘कुछ और समय’’ की आवश्यकता है।
आबकारी मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार व क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन के आरोपों से संबंधित है। नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी।
इसके बाद, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था। सीबीआई द्वारा 17 अगस्त, 2022 को दर्ज की गई एक प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए, ईडी ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 22 अगस्त, 2022 को धनशोधन का मामला दर्ज किया था। उच्चतम न्यायालय ने मामले के संबंध में गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को 12 सितंबर को जमानत दे दी थी।