रायबरेली: पुलिस पर गंभीर आरोप, विवादों में कोतवाल, भीम आर्मी और सवर्ण आर्मी आमने-सामने
सलोन, रायबरेली, अमृत विचार। क्षेत्र के मोहनगंज ग्राम सभा में मारपीट के मामले में भीम आर्मी व सवर्ण आर्मी संगठन के कार्यकर्ता आमने सामने आ गए हैं। वहीं एक पक्ष ने कोतवाली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि आरोपितों पर कार्रवाई के बजाय पुलिस उन्हीं का साथ दे रही है। जिससे आक्रोशित सवर्ण आर्मी ने एसपी ऑफिस में शुक्रवार को प्रदर्शन भी किया है। मौजूदा कोतवाल को तत्काल बर्खास्त किए जाने की मांग की है।
मामला सलोन कोतवाली क्षेत्र के मोहनगंज गांव का है, जहां दो दिन पहले हुई गंभीर मारपीट के मामले में सलोन कोतवाल पर एक पक्ष की तहरीर बदलवा कर दूसरे पक्ष से गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराने का आरोप लग रहा है। घटना को लेकर गांव में तनाव व्याप्त है। मोहनगंज गांव में 30 अक्टूबर की रात पुरानी रंजिश को लेकर कृष्णदेव सिंह और भैया लाल पासी में जमकर मारपीट हुई थी। कृष्ण देव की तरफ से आरोप था कि घटना वाली रात उनका लड़का आजाद सिंह परिवार के सचिन सिंह के साथ धान की फसल देखकर घर लौट रहा था। इसी दौरान विपक्षी भैयालाल, रामबाबू, प्रेमलाल, रामआसरे, तीरथ, रामू आदि अज्ञात लोगों ने उनके दोनों लड़को के ऊपर जानलेवा हमला करते हुए गम्भीर रूप से घायल कर दिया।
घटना में उनके दोनों लड़के सचिन सिंह और आजाद सिंह की हालत नाजुक है। सचिन का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। वही दूसरे पक्ष सरंगा पत्नी रामस्वरूप ने विपक्षी आजाद सिंह, सचिन सिंह, आजाद सिंह पुत्र रामनरेश सिंह, सुमित सिंह, रितेश सिंह पर जाति सूचक गालियां देने और मारपीट का आरोप लगाया था। दूसरे पक्ष की तहरीर लेकर सचिन सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत अभियोग दर्ज कर दिया।
कोतवाल की कार्यशैली से नाराज सवर्ण आर्मी के जिला अध्यक्ष समेत सैकड़ो लोगों ने शुक्रवार को एसपी ऑफिस में कोतवाल के विरुद्ध धरना प्रदर्शन किया। कोतवाल को तत्काल बर्खास्त कर पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की है। कोतवाली प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में लाठी डंडो की चोट का जिक्र है, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। सीओ प्रदीप कुमार का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है।
कोतवाल पर तहरीर बदलने का आरोप
सवर्ण आर्मी के जिला अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह का आरोप है कि पीड़ित पक्ष सवर्ण है, जबकि विपक्षी अनुसूचित जाति से है। आरोपितों पर कोतवाल सलोन का समर्थन प्राप्त है। इसलिए आरोपित गांव में आतंक मचा रखे हैं। घटना वाली रात सचिन और आजाद जब तहरीर लेकर कोतवाल के पास पहुंचे थे, उनसे अमानवीय तरीके से कोतवाल ने व्यवहार किया। इसके बाद जबरन तहरीर बदलवाकर हल्की धाराओं में विपक्षियों पर मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं विपक्षियों की तहरीर पर पीड़ित पक्ष के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली। जिसके बाद से पीड़ितों को आरोपित धमकाने और प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं।