Bareilly News: खेत किनारे लगे धारदार तार में उलझी मासूम, दर्दनाक मौत

भमोरा, अमृत विचार: छुट्टा पशुओं को रोकने के लिए खेत किनारे लगाए गए ब्लेड से युक्त धारदार तारों में उलझने से तीन साल की बच्ची गंभीर घायल हो गई। निकलने की कोशिश में ब्लेड से उसका पूरा शरीर कट गया और अत्यधिक रक्तस्राव से उसकी जान चली गई। पुलिस ने बच्ची का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
भमोरा के गांव नितोई में रहने वाले कालीचरन की तीन वर्षीय बेटी देवकी और पांच वर्षीय बेटा दीपक सोमवार शाम करीब 6:30 बजे गांव के बाहर तालाब किनारे शौच करने गए थे। आधे घंटे बाद खेत पर पुआल लगाकर लौट रहे कालीचरन को दीपक नजर आया तो वह उसे गोद में उठाकर घर चले आए। दीपक को गुमसुम देखकर कालीचरन की पत्नी की प्रीति ने उससे देवकी के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह खेत के तारों पर गिर गई थी और वहीं पड़ी हुई है।
घरवाले दौड़ते हुए खेत पर पहुंचे तो देवकी लहूलुहान और अचेत पाया। ब्लेडयुक्त तारों से निकलने की कोशिश में उसकी आंख, गाल समेत पूरा शरीर कट गया था। उसे गांव लाकर डॉक्टर को दिखाया लेकिन उसने दम तोड़ दिया। एसएचओ पीके चतुर्वेदी ने बताया कि परिवार वालों ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है। हालांकि शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। गांव वालों के मुताबिक कालीचरन बेहद गरीब है और उसके घर में शौचालय नहीं है। ग्राम प्रधान के पति रामनिवास ने बताया कालीचरन का परिवार दिल्ली में मजदूरी करता था। कुछ ही समय पहले ही गांव आकर रहने लगा है।
प्रतिबंधित धारदार तार लगाने की वजह छुट्टा पशुओं का आतंक
खेतों पर धारदार तार लगाने पर प्रतिबंध है लेकिन छुट्टा पशुओं का इतना ज्यादा आतंक है कि ज्यादातर किसानों ने इसके बावजूद अपने खेतों पर यही तार लगा रखे हैं। ब्लेड लगे ये तार आरी की तरह काम करते हैं, अक्सर इनकी चपेट में आने से छुट्टा पशु भी गंभीर घायल होते हैं। यही तार तीन वर्षीय देवकी की मौत की वजह बन गए।
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