SCO Summit में भाग लेने के लिए Islamabad पहुंचे जयशंकर, 9 साल बाद पाकिस्तान में भारत के विदेश मंत्री

इस्लामाबाद। विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचे। यह पिछले कुछ वर्षों में किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है। नूर खान हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने जयशंकर का स्वागत किया। पिछले करीब नौ साल में पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा की है। दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे पर और पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण बने हुए हैं।
Landed in Islamabad to take part in SCO Council of Heads of Government Meeting. pic.twitter.com/PQ4IFPZtlp
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 15, 2024
इससे पहले विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। वह दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद की यात्रा पर आयी थीं। भारत ने आज कहा कि वह एससीओ की विभिन्न प्रणालियों में सक्रियता से शामिल है। पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को एससीओ के शासन प्रमुखों की परिषद (सीएचजी) के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘एससीओ सीएचजी की बैठक सालाना होती है और इसमें संगठन के व्यापार तथा आर्थिक एजेंडा पर ध्यान दिया जाता है। उसने कहा, सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत एससीओ की रूपरेखा के तहत अनेक प्रणालियों एवं पहल समेत इसके प्रारूप में सक्रियता से शामिल है।’’
मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि जयशंकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से आयोजित रात्रि भोज समारोह में शामिल हो सकते हैं। शरीफ एससीओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए उन्हें रात्रि भोज देंगे। दोनों पक्षों ने पहले ही एससीओ के शासन प्रमुखों के शिखर सम्मेलन के दौरान जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है। जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इसे नई दिल्ली की ओर से एक अहम निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।
उन्होंने हाल में एक समारोह में अपने संबोधन में कहा था, ‘‘भारत किसी भी पड़ोसी की तरह निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘लेकिन सीमापार आतंकवाद पर ध्यान नहीं देकर और ख्याली पुलाव बनाकर ऐसा नहीं किया जा सकता।’’ वरिष्ठ मंत्री को भेजने के निर्णय को एससीओ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दर्शाने के रूप में देखा जा रहा है।