हरियाणा में भाजपा ने रणजीत चौटाला सहित आठ बागियों को किया निष्कासित, इस वजह से लिया एक्शन
चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला और सात अन्य नेताओं को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। इन नेताओं ने पांच अक्टूबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने का फैसला किया था।
भाजपा की हरियाणा इकाई ने कहा कि उसके प्रमुख मोहन लाल बड़ौली ने इन नेताओं को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। चौटाला के अलावा संदीप गर्ग (लाडवा से चुनाव लड़ रहे), जिले राम शर्मा (असंध), देवेंद्र कादियान (गन्नौर), बचन सिंह आर्य (सफीदों), राधा अहलावत (महम), नवीन गोयल (गुरुग्राम) और केहर सिंह रावत (हथीन) को भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित कर दिया गया है। चौटाला ने भाजपा छोड़ने का फैसला तब किया, जब उन्हें पार्टी ने रानिया से टिकट नहीं दिया। रानिया, वह सीट है, जिसका उन्होंने निर्दलीय विधायक रहने के दौरान विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया था।
चौटाला ने इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल होने से पहले विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी थी। उन्होंने हिसार से संसदीय चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। नब्बे सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होना है और मतों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी। भाजपा लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता में वापसी के लिये प्रयास कर रही है। कांग्रेस की हरियाणा इकाई ने शुक्रवार को 13 नेताओं को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला करने पर "पार्टी विरोधी गतिविधियों" के लिए निष्कासित कर दिया था। भाजपा और कांग्रेस दोनों के कई नेता विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट न मिलने से नाराज थे, लेकिन पार्टियां उनमें से ज्यादातर को मनाने में कामयाब रहीं।
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