पीलीभीत में प्रधान ने बाढ़ पीड़ितों के राशन का कर दिया बंदरबांट
एसडीएम ने नहीं सुनी फरियाद, तहसील पहुंची महिलाओं ने लगाए आरोप
पीलीभीत, अमृत विचार: पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ तो तबाही मचाकर शांत हो गई। मगर, अभी भी बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ित इलाकों के ग्रामीण खाद्यान्न की मदद पाने के लिए भटक रहे हैं। देवहा नदी से सटे चंदोई गांव की महिलाओं ने ग्राम प्रधान पर बाढ़ पीड़ितों को मिलने वाली मदद हड़पने का आरोप लगाया है।
मामला शहर से सटी ग्राम पंचायत चंदोई का है। ये इलाका देवहा नदी से सटा हुआ है। पहले जुलाई और फिर सितंबर माह में हुई मूसलाधार बारिश के बाद देवहा नदी उफना गई थी। जिसके बाद गांव में बाढ़ के हालात बन गए थे। कई फीट तक पानी गांवों में भर गया था। प्रशासनिक स्तर से बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री पहुंचाने के तमाम दावे किए गए। बाढ़ से बिगड़े हालात अब धीरे-धीरे सामान्य भी हो चुके हैं। इधर, चंदोई गांव की सैकड़ों परिवार की महिलाएं गुरुवार को जमीनी हकीकत खोलती नजर आई। एकत्र होकर महिलाएं सदर तहसील शिकायत करने के लिए पहुंची। उनका कहना था कि उनके गांव में बाढ़ आई थी।
इसके बाद राहत सामग्री के पैकेट भी आए। करीब 100 पैकेट लेखपाल ने बंटवा दिए। इसके अलावा बकाया मदद बाढ़ के बाद असल जरुरतमंदों के बजाय ग्राम प्रधान पति ने अपने करीबियों को बांट दी। धनाढ्य लोगों को भी दो -दो बार राहत सामग्री के पैकेट रात के अंधरे में बांटे गए। प्रधान पर धांधली करने का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की। यहां पर अधिकारियों के अनसुना करने के बाद महिलाएं कलेक्ट्रेट शिकायत करने चली गई।उनका कहना था कि करीब 300 से अधिक परिवारों को मदद नहीं मिल सकी है। प्रधान के पास जाते भी हैं तो वह भगा देता है। इस मामले की जांच कराकर पीड़ितों को मदद दिलाने की गुहार लगाई।
प्रधान पति बोले- 200 पैकेट मिले..मांगने वाले दो हजार
इस मामले में जब चंदोई प्रधान के पति से बात की गई तो उन्होंने प्रशासन स्तर से कम पैकेट मिलने की बात कहते हुए अपना बचाव किया। उनका कहना था कि बाढ़ पीड़ितों को बांटने के लिए करीब 200 पैकेट प्राप्त हुए थे। लेखपाल के साथ ही इसे बंटवाया गया। खाद्याान्न के साथ ही तिरपाल भी दिए गए थे। मदद 300 पैकेट की मिली थी और मदद लेने वाले दो हजार से अधिक हैं..ऐसे में अब किया भी क्या जाए। किसी तरह का पक्षपात करने और धमकाने के आरोप को भी निराधार बताया।