पीलीभीत: नहीं मिले निर्देश...दूसरे दिन भी पिंजड़े में कैद रहा खूंखार बाघ, वन अधिकारियों ने कही यह बात

पीलीभीत: नहीं मिले निर्देश...दूसरे दिन भी पिंजड़े में कैद रहा खूंखार बाघ, वन अधिकारियों ने कही यह बात

पीलीभीत, अमृत विचार। माला रेंज से एक दिन पूर्व रेस्क्यू किया गया बाघ दूसरे दिन भी पिंजड़े की गिरफ्त में रहा। देर शाम तक बाघ को लेकर उच्चाधिकारियों की ओर से वन अफसरों को कोई दिशा निर्देश नहीं मिल सके। 

फिलहाल वन अफसरों का कहना है कि यदि देर शाम भी आदेश प्राप्त होता है तो रात में उस पर अमल किया जाएगा। वहीं बाघ को सोमवार रात पीटीआर मुख्यालय लाया गया। सुरक्षा के बीच पिंजड़े में कैद बाघ पर लगातार निगाह रखी जा रही है।
                  
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज से सटे गांवों में पिछले लंबे अरसे से आतंक का पर्याय बने बाघ को सोमवार तड़के माला रेंज में ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया गया था। बाघ ने बीते नौ सितंबर को गांव बांसखेड़ा निवासी केदारीलाल को माला रेंज की भैरों बीट में मार डाला था। 

जिसके बाद ग्रामीणों ने बाघ पकड़ने की मांग को लेकर जमकर हंगामा काटा था। अगले ही दिन शासन स्तर से बाघ को पकड़ने की मिली अनुमति के बाद घटनास्थल के समीप ही पिंजड़ा लगाया गया था। बाघ को पिंजड़े में कैद होता न देख पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का निर्णय लिया गया था। 

पिछले 14 दिन तक चले अभियान के बाद सोमवार तड़के बाघ को रेस्क्यू कर लिया गया। रेस्क्यू किए गए नर बाघ को माला रेंज गेस्ट हाउस परिसर में रखा गया था। वहीं रेस्क्यू किए गए बाघ को जंगल में छोड़ा जाएगा या फिर कहीं और ले जाया जाएगा, इसका निर्णय शासन स्तर से लिया जाना है। 

इधर मंगलवार शाम तक बाघ को लेकर शासन स्तर से कोई आदेश नहीं मिला। ऐसे में मंगलवार को भी बाघ पिंजड़े में कैद रहा। इधर सोमवार रात की बाघ को माला रेंज के गेस्ट हाउस से पीटीआर मुख्यालय लाया गया। 

जहां बाघ को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। वन अफसर और पशु चिकित्सक डॉ. दक्ष गंगवार बाघ की गतिविधियों पर लगातार बनाए हुए हैं। वन अफसरों का कहना है कि यदि शासन स्तर से मंगलवार देर शाम तक भी यदि कोई निर्देश मिलते हैं तो रात में उस पर अमल किया जाएगा।

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